Special Story

जानिए पाक के रक्षा मंत्री ने अपने बयान में आखिर क्यों किया छत्तीसगढ़ का जिक्र

जानिए पाक के रक्षा मंत्री ने अपने बयान में आखिर क्यों किया छत्तीसगढ़ का जिक्र

ShivApr 27, 20252 min read

रायपुर। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम…

चिकन सेंटर में पैसे को लेकर विवाद, ग्राहक ने कर्मचारी को सीढ़ियों से पटका, हुई मौत

चिकन सेंटर में पैसे को लेकर विवाद, ग्राहक ने कर्मचारी को सीढ़ियों से पटका, हुई मौत

ShivApr 26, 20252 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर में हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नव-दम्पति को दिया आशीर्वाद

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नव-दम्पति को दिया आशीर्वाद

ShivApr 26, 20251 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुरहानपुर के नेपानगर की…

April 27, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कांग्रेस की “जल-जंगल-जमीन बचाओ, इंद्रावती नदी बचाओ” पदयात्रा स्थगित…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को सींचने वाली इंद्रावती नदी सूखे के कगार पर है. इससे बस्तर में किसानों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसे लेकर कांग्रेस आज चित्रकोट से जगदलपुर तक 3 दिवसीय “जल-जंगल-जमीन बचाओ, इंद्रवती नदी बचाओ” पदयात्रा करने वाली थी. लेकिन हाल ही में जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 28 आम नागरिक मारे गए. इस घटना के चलते AICC के निर्देश पर कांग्रेस ने 27 अप्रैल तक अपनी सभी राजनीतिक और अन्य कार्यक्रम स्थगित कर दिए हैं.

इंद्रावती नदी को बचाने कांग्रेस लड़ेगी बड़ी लड़ाई

बता दें, इस पदयात्रा में कांग्रेस के कई बड़े नेता और कार्यकर्ता समेत भारी संख्या में बस्तर के प्रभावित किसान भी शामिल होने वाले थे. इस पदयात्रा के तीसरे दिन जगदलपुर कलेक्टर दफ्तर घेराव की योजना थी. कांग्रेस ने कहा कि इंद्रावती नदी को बचाने के लिए पार्टी आने वाले समय में बड़ी लड़ाई लड़ने को तैयार है. इसकी रूपरेखा भी जल्द तैयार की जाएगी.

इंद्रावती नदी पर जल संकट

इंद्रावती नदी सिर्फ एक नदी नहीं है, ये बस्तर की प्राणधारा है, ये बस्तर की सांस है. आज वही इंद्रावती नदी अपनी आखिरी सांसें गिन रही है. दो महीने से बस्तर के किसान सड़क पर हैं. धरनों पर बैठे हैं, आंदोलन कर रहे हैं. इंद्रावती में पानी लाने की गुहार लगा रहे हैं.

फोटो: सूखी नदी पर क्रिकेट खेलते बच्चे

किसानों से लेकर राज्य सरकार के प्रयासों के बाद मिली राहत की खबर…

बीते एक महीने से इंद्रावती नदी लगभग सूखने की कगार पर पहुंच गई थी. इसका मुख्य कारण नदी का जल बड़ी मात्रा में जोरा नाला की ओर मोड़ दिया जाना था, जिससे बस्तर के कई इलाकों में किसानों की खड़ी फसलें सूख गईं और पीने के पानी का संकट गहराने लगा. इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सांसद महेश कश्यप ने 3 अप्रैल को लोकसभा में इस मुद्दे को मजबूती से उठाया और केंद्र सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की थी. इसके बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जल परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा की गई और 15 अप्रैल को ओडिशा सरकार ने छत्तीसगढ़ को उसके हिस्से का 49 प्रतिशत पानी देने पर सहमति दी.