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अटल निर्माण वर्ष में सुशासन की नई ऊंचाइयां छूने को तैयार छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivJun 8, 20254 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में…

अंतर्राष्ट्रीय समपार (फाटक) दिवस के अवसर पर चलाया जा रहा है सघन जागरुकता अभियान

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ShivJun 8, 20252 min read

रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय समपार फाटक जागरूकता दिवस के अवसर पर दिनांक…

भाजपा नेत्री ने दिखायी दबंगई, सरेराह किसान को पीटा, जमकर बरसाये लात-घूंसे…

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ShivJun 8, 20251 min read

कोरबा। भाजपा नेत्री का मारपीट करते हुए एक वीडियो सोशल…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मुस्लिम समाज ने दी ईदुल अज़हा की बधाई

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ShivJun 8, 20251 min read

रायपुर। मुस्लिम समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री निवास में प्रदेश…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

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ShivJun 8, 20252 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां भारतीय प्रबंध…

June 9, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

लोहारीडीह कांड पर कांग्रेस की PC : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जारी की FIR में दर्ज 167 लोगों की सूची, 137 साहू, पूछा- 

रायपुर। कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव में घटित घटना पर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर बनी हुई है, क्योंकि कांग्रेस के लिए सरकार को घेरने का सबसे बड़ा मुद्दा इन दिनों लोहारीडीह कांड से मिला हुआ है. कांग्रेस के तमाम बड़े नेता इस कांड पर सरकार को घेरने में पीछे नहीं रहे है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तो लगातार प्रेसवार्ता कर सरकार से जवाब मांग रहे हैं.

आज एक बार फिर भूपेश बघेल ने इस मुद्दे पर प्रेसवार्ता कर उस सूची को जारी किया, जिसे अब तक पुलिस की ओर से जारी नहीं किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने रघुनाथ साहू हत्याकांड में दर्ज एफआईआर में 167 लोगों के नाम की सूची जारी की. बघेल ने बताया कि इस सूची में जो नाम शामिल हैं उनमें- 137 साहू समाज, 20 यादव समाज, 8 आदिवासी समाज, 1 मानिकपुरी समाज और 1 पटेल समाज से हैं.

बघेल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने विवेचना करने में बड़ी लापरवाही बरती है. पुलिस ने मृतक रघुनाथ साहू के बेटे विनोद साहू के बयान के आधार पर ही 167 लोगों के नाम एफआईआर दर्ज कर दी है, जबकि पूरे गांव का बयान लेना था, फिर कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और सभी को जेल में डाल दिया गया है.

उन्होंने कहा कि हद तो यह हो गई है कि कई ऐसे लोगों का नाम भी एफआईआर में दर्ज कर लिया गया, जो गांव में घटना के दिन थे ही नहीं. अभी बहुत से ऐसे लोग हैं, जो गांव से बाहर है उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. एफआईआर में अन्य लिखकर भी छोड़ गया है, जिससे यह प्रतीत होता है कि कभी किसी का नाम इस घटना में जोड़ा जा सकता है. और तो और कई गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर किया गया है. यहां तक की मॉब लीचिंग के तहत पूरे देश में पहली एफआईआर 167 लोगों के खिलाफ इसी घटना में दर्ज की गई है. गांव वालों से यह भी पता चला है कि पुलिस ने एक-एक घर नाम दर्ज करने के लिए रजिस्टर लेकर घूमती रही है.

उन्होंने एफआईआर में दर्ज नाम के आधार पर सरकार से सवाल किया है कि अब सरकार ही बताए क्या पूरे गांव को फांसी दिलाना चाहती है ? क्योंकि आजीवन कारावास, मृत्युदंड जैसे गंभीर मामलों में गिरफ्तारियां की गई है. सरकार से हमारी यही मांग है कि इस मामले में दोबारा विवेचना की जाए. जो आरोपी है उन्हें गिरफ्तार करें, जो निर्दोष है उन्हें रिहा करे.

कांग्रेस ने जारी की एफआईआर में दर्ज नामों की सूची