कांग्रेस राष्ट्रीय अधिवेशन: 4 घंटे तक चली CWC की बैठक, खड़गे बोले- गांधी जी का चश्मा और लाठी तो चुरा सकते हैं लेकिन…

अहमदाबाद। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के पहले दिन मंगलवार को CWC की बैठक हुई. कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक चार घंटे चली. इस बैठक के बाद वर्किंग कमेटी के सदस्यों को ‘पटेल अ लाइफ’ नाम की पुस्तक दी गई. बैठक के बाद सरदार स्मारक के बाहर नेताओं का फोटो सत्र आयोजित किया गया. गुजरात के अहमदाबाद में 84वां अधिवेशन आयोजित की गई है. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि गांधी जी का चश्मा और लाठी तो चुरा सकते हैं. महात्मा गांधी की असली पूंजी वैचारिक विरासत है जो कांग्रेस पार्टी के पास है.

अहमदाबाद में साबरमती के किनारे कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक खत्म हो गई है. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की शुरुआत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन से हुई. खड़गे ने राष्ट्रपिता के जिक्र से अपने संबोधन की शुरुआत की और कहा कि यह साल महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने महात्मा गांधी के साथ ही सरदार वल्लभ भाई पटेल, दादाभाई नैरोजी को भी याद किया और कहा कि गुजरात में जन्मीं इन हस्तियों ने कांग्रेस का नाम दुनियाभर में रोशन किया. ये सभी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे. गांधी जी ने हमें अन्याय के खिलाफ सत्य और अहिंसा का हथियार दिया.
बैठक के बाद पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने बताया कि आज अधिवेशन में 158 सदस्य मौजूद थे. कांग्रेस नेता ने बताया कि आज सरदार पटेल पर विशेष चर्चा हुई और प्रस्ताव पास हुआ. गुजरात में अधिवेशन होना ही विशेष है. सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर बैठक हो रही है. सरदार पटेल और जवाहरलाल नेहरु आधुनिक भारत के निर्माता थे. इन दोनों के बीच कोई रिश्ता नहीं होने का दावा करने वाले झूठ बोल रहे हैं. बैठक में सरदार वल्लभभाई पटेल को लेकर एक विशेष प्रस्ताव पास किया गया है. कल दो दो मुद्दों पर चर्चा होगी. हमारे प्रस्ताव से मालूम होगा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल के बीच कैसे रिश्ते थे.
इन्होंने गांधीजी के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई लड़ी और बाद में भारत की नींव रखी. आज किसानों की बातें नहीं सुनी जा रही हैं. ये सरदार पटेल की अवमानना है. उन्होंने यह भी कहा कि आज गांधीवादी संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं.
इस दौरान केसी वेणुगोपाल ने कहा कि आज हमने इस ऐतिहासिक जगह पर AICC की मीटिंग और CWC की एक्सटेंडेड मीटिंग की. यह मीटिंग पार्टी की जर्नी में बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि सरदार पटेल की जयंती के मौके पर हो रही है. इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी शामिल हैं. इसके पहले 1902 में गुजरात में अधिवेशन हुआ था. उसके बाद छह बार गुजरात में कांग्रेस अधिवेशन हो चुके हैं. गुजरात आजादी की लड़ाई का महत्वपूर्ण स्थान रहा है. यहां नमक सत्याग्रह, बारदोली आंदोलन और खेड़ा सत्याग्रह हुआ.