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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हनुमान जन्मोत्सव की दी शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को हनुमान जन्मोत्सव की दी शुभकामनाएं

ShivApr 12, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समस्त प्रदेशवासियों को…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

ShivApr 11, 20252 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्री आनंदपुर धाम…

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उन्नत और समृद्ध रही है प्राचीन भारतीय वास्तुकला : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल…

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार…

April 12, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

कोयला घोटाले में कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल आए लपेटे में, रानू साहू के आईएएस पति का भी जुड़ा नाम…

रायपुर। पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के चर्चित कोयला घोटाले का दायरा बढ़ता जा रहा है. प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को विशेष अदालत में कोयला घोटाले में शामिल नौ और आरोपितों के खिलाफ पूरक चालान पेश किया है. 

पूरक चालान में में कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत रायपुर जेल में बंद निलंबित आइएएस रानू साहू के पति आइएएस जयप्रकाश मौर्य, कोयला फर्म के मालिक जोगिंदर सिंह, शेख मोइनुद्दीन, हेमंत जायसवाल, वीरेंद्र जायसवाल, एडवोकेट पीयूष भाटिया, पारिख कुर्रे व राहुल शामिल हैं.

अवैध कोल लेवी मामले में ईडी पहले ही कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू, निलंबित आइएएस समीर बिश्नोई, पूर्व सीएम भूपेश बघेल की उप सचिव रही सौम्या चौरसिया, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, कोयला कारोबारी हेमंत जायसवाल और कोरबा निवासी उसके भाई वीरेंद्र जायसवाल समेत करीब 20 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है.

क्या है कोयला घोटाला

छत्तीसगढ़ में कथित 500 करोड़ रुपए के कोयला घोटाला मामले में लेवी वसूली का मामला ईडी की रेड में सामने आया था. आरोप है कि कोयला परिवहन के दौरान कोयला व्यापारियों से वसूली करने के लिए ऑनलाइन मिलने वाले परमिट को ऑफलाइन कर दिया गया था. खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने इसके लिए 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी किया था. इसके लिए सिंडिकेट बनाकर वसूली की जाती थी. पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया था.