कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने कला केन्द्र पहुंचकर प्रशिक्षुओं व पालकों से लिया फीडबैक, कैलीग्राफी, वैदिक शिक्षा, फैशन डिजाइनिंग, बेकरी, भाषा ज्ञान जैसे शॉर्ट टर्म प्रशिक्षण का भी मिला सुझाव
रायपुर। कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह कला केन्द्र पहुंचकर अपने बच्चों को विभिन्न विधाओं से प्रशिक्षण दिलाने पहुंचे पालकों से बात की। उन्होंने कहा कि कला केन्द्र का संचालन प्रतिभा संपन्न व अपनी कला को निखारने की इच्छा रखने वाले हर आयु वर्ग के लोगों के लिए किया जा रहा है। नृत्य, संगीत, आर्ट एंड क्राफ्ट, गायन के साथ ही अपनी आवाज़ पर गाने की रिकॉर्डिंग के लिए बने स्टूडियो का कला प्रेमी उत्साह के साथ उपयोग कर रहे है। 10 मार्च से अबतक एक हजार से भी अधिक कला प्रेमियों ने प्रशिक्षण हेतु कला केन्द्र आकर संपर्क किया है।
जी.ई. रोड पर स्थित नालंदा परिसर के समीप बने इस कला केन्द्र में अपनी अभिरूचि के अनुरूप सैकड़ों की तादाद में बच्चें युवा एवं महिलाएं पहुंच रहें हैं। कलेक्टर डॉ. सिंह आज इन्हीं प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें कला साधकों से मिलें और उपलब्ध सुविधाओं के संबंध में उनसे फीडबैक लिया। इस दौरान नगर निगम कमिश्नर अबिनाश मिश्रा भी साथ थे। प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें बच्चों के साथ उनके पालक भी कला केन्द्र में उपस्थित थे, जिनसे कलेक्टर ने विस्तार से बात की। पालकों ने सुझाव दिया कि कैलीग्राफी, वैदिक शिक्षा, फैशन डिजाइनिंग, बेकरी, भाषा ज्ञान जैसे शॉर्ट टर्म प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होने से बच्चों को प्रशिक्षण के लिए लेकर आने वाले महिलाओं को अपने समय के बेहतर सदुपयोग का अवसर मिलेगा और इससे न केवल वर्तमान पीढ़ी, बल्कि तीन पीढ़ियों का जुड़ाव कला परिसर से होगा। कलेक्टर ने महिलाओं के सुझाव को गंभीरता से सुना एवं ठोस पहल हेतु आश्वस्त किया।
उन्होंने निरीक्षण भ्रमण के दौरान इस परिसर की नियमित निगरानी हेतु पूरे परिसर में पर्याप्त रोशनी, सीसीटीवी कैमरे, पेयजल हेतु आर.ओ. मशीन व साथ आए परिजनों के लिए बैठक की अतिरिक्त व्यवस्था हेतु भी निर्देशित किया है। उन्होंने 01 अप्रैल से प्रशिक्षुओं एवं साथ आने वाले परिजनों के लिए पहचान पत्र जारी करने के लिए भी कहा है। यहां बने मुक्ताकाशी मंच पर सांस्कृतिक आयोजनों के जरिए सभी आयु वर्ग में मंच का भय दूर कर आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति देने हेतु प्रेरित करने का सुझाव भी उन्होंने प्रशिक्षकों को दिया है। यह कला परिसर अब सप्ताहांत हर शनिवार व रविवार खुले रहेंगे एवं प्रत्येक मंगलवार यहां अवकाश होगा। पालकों व प्रशिक्षुओं ने कला परिसर के माध्यम से अभिरूचि अनुरूप विधा से जुड़ने का अवसर प्रदान करने जिला प्रशासन के प्रति धन्यवाद भी कहा।