Special Story

कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और सहयोगी पर FIR दर्ज, जमीन कब्जा और धोखाधड़ी का है आरोप

कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और सहयोगी पर FIR दर्ज, जमीन कब्जा और धोखाधड़ी का है आरोप

ShivNov 27, 20241 min read

रायपुर।  शहर के कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी और उसके साथी…

November 27, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कोल स्कैम केस, देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोयला घोटाला केस में रायपुर की विशेष ED कोर्ट ने कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत ने अर्जी खारिज की। शनिवार को इस मामले में जेल में बंद आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया।

इनमें निलंबित IAS समीर विश्नोई, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, शिवशंकर नाग, लक्ष्मीकांत तिवारी और दीपक टांक समेत राजेश चौधरी शामिल हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया ने मेडिकल लगाकर कोर्ट आने में असमर्थता जताई।

ED कोर्ट में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान उनके वकील संजय श्रीवास्तव ने कोर्ट से बताया कि जो इनकम टैक्स का मुकदमा है, वही गलत है। ED का पूरा केस इनकम टैक्स के मुकदमे पर आधारित है। जब इनकम टैक्स का मुकदमा ही गैरकानूनी है तो ED का केस भी नहीं चलना चाहिए।

वकील का कहना है कि यह चीज बाद में आएगी। जमानत पर कोर्ट के फैसले के बाद कानून के जो रास्ते हैं उसमें हम आगे बढ़ेंगे।

आज कोर्ट में चार अहम आवेदन पत्रों पर सुनवाई हुई है। जिसमें प्रमुख रूप से विधायक देवेंद्र यादव की जमानत अर्जी जिस पर सुनवाई हुई। दूसरा आवेदन पत्र अरविंद सिंह का है जो शराब घोटाले में आरोपी है। उसकी तरफ से भी जमानत आवेदन आया।

इसके अलावा कोल स्कैम से जुड़े जो 10 आरोपी जो जेल में है उनके भी सेक्शन-50 स्टेटमेंट को आगे बढ़ते हुए आवेदन पेश किया गया है। ED के वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि घोटाला वैसे तो 540 करोड़ का है लेकिन अब तक 220 करोड़ का पता चला है। इसलिए आगे कुछ सवाल जवाब की परमिशन के लिए हमने अर्जी दी है।

वकील सौरभ पांडेय ने बताया कि हमने एक और आवेदन पत्र डाला है, जिसमें कोर्ट से आरोपी राम गोपाल अग्रवाल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की अपील की गई है।

वहीं, विधायक देवेंद्र यादव के वकील का कहना था कि जो चैट और D यादव और D नवाज का नाम आया है उसमें से यह प्रूफ नहीं होता है कि यह पैसा देवेंद्र यादव तक पहुंचा है। ना ही कोई डायरेक्टर लिंक साबित होने के सबूत हैं। उन्होंने पहले चैट का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें पैसों के लेन-देन का कोई जिक्र नहीं हुआ है।