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कोयला गैसीकरण तकनीक ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली/रायपुर।   कोयला गैसीकरण तकनीक न केवल ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह कहना है रायपुर सांसद एवं कोयला मंत्रालय द्वारा गठित संसदीय परामर्शदात्री समिति के सदस्य बृजमोहन अग्रवाल का जिन्होंने बुधवार को आयोजित समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। इस बैठक में “कोयले का वैकल्पिक उपयोगः स्वच्छ उपयोग की दिशा में कोयला गैसीकरण” विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। बृजमोहन अग्रवाल ने कोयला गैसीकरण की संभावनाओं, चुनौतियों और इससे जुड़े नीतिगत पहलुओं पर अपने विचार व्यक्त किए।

बैठक के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कोयला गैसीकरण तकनीक भारत की ऊर्जा सुरक्षा और हरित ऊर्जा लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्रक्रिया के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों में ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार कोयला गैसीकरण को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान एवं विकास, बुनियादी ढांचे में निवेश और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी नीतियां बनाए।

बैठक में कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी, समिति सदस्य एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कोयला गैसीकरण के विभिन्न पहलुओं पर अपनी बात रखी और इस दिशा में मंत्रालय द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। बैठक में देश में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और कोयला आधारित उद्योगों के सतत विकास के लिए आवश्यक रणनीतियों पर भी चर्चा हुई।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार पर्यावरण हितैषी ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि कोयला गैसीकरण से संबंधित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने में सहायक होगा।