रविशंकर विश्वविद्यालय में 50000 रुपये रिश्वत लेते क्लर्क गिरफ्तार

रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (PRSU) में मंगलवार को उस वक्त सनसनी फैल गई जब प्रशासनिक विभाग में कार्यरत क्लर्क दीपक वर्मा को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि दीपक वर्मा ने विश्वविद्यालय के एक रिटायर्ड क्लर्क से उसके पेंशन से जुड़े प्रकरण को शीघ्र निपटाने के एवज में 50 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
ACB से मिली जानकारी के अनुसार, रिटायर्ड क्लर्क ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका पेंशन प्रकरण लटकाया जा रहा है और उसे बार-बार कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पीड़ित कर्मचारी ने बताया कि क्लर्क दीपक वर्मा ने 50 हजार रुपये की मांग की थी और कहा था कि भुगतान किए बिना पेंशन प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ेगी। शिकायत की पुष्टि के लिए ACB ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की और जब आरोपी क्लर्क 30 हजार रुपये की पहली किस्त ले रहा था, उसी समय उसे रंगे हाथों पकड़ लिया गया। कार्रवाई के दौरान ACB टीम ने आरोपी के कार्यालय में तलाशी ली और रिश्वत की रकम बरामद की। दीपक वर्मा को गिरफ्तार कर आगे की पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। ACB अधिकारियों का कहना है कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है।
इस घटना से विश्वविद्यालय के प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े हो गए हैं। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों और छात्रों में इस कार्रवाई को लेकर चर्चा बनी हुई है। कई लोगों का मानना है कि यह केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि विश्वविद्यालय की प्रणाली में फैले व्यापक भ्रष्टाचार का संकेत है। ACB रायपुर की टीम द्वारा की गई इस कार्रवाई से अन्य भ्रष्ट कर्मचारियों में भी हड़कंप मच गया है। ACB अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की शिकायतें यदि समय पर दर्ज की जाएं तो भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सकती है। वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, आरोपी को निलंबित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।