Special Story

शिक्षक की शर्मनाक करतूत: परीक्षा में पास करने के बहाने छात्रा से की छेड़छाड़, पुलिस ने किया गिरफ्तार

शिक्षक की शर्मनाक करतूत: परीक्षा में पास करने के बहाने छात्रा से की छेड़छाड़, पुलिस ने किया गिरफ्तार

ShivJun 18, 20252 min read

बलौदाबाजार-भाटापारा। जिले के एक स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग छात्रा…

रायपुर में कोयला एवं राखड़ परिवहन करने वाले 76 वाहनों पर बड़ी कार्रवाई

रायपुर में कोयला एवं राखड़ परिवहन करने वाले 76 वाहनों पर बड़ी कार्रवाई

ShivJun 18, 20252 min read

रायपुर। परिवहन विभाग ने एक बार फिर यह साबित कर…

स्वास्थ विभाग द्वारा पत्रकारों के लिए जारी दिशा निर्देश का मीडिया समूह ने किया विरोध, जलाया आदेश

स्वास्थ विभाग द्वारा पत्रकारों के लिए जारी दिशा निर्देश का मीडिया समूह ने किया विरोध, जलाया आदेश

ShivJun 18, 20252 min read

रायपुर। रायपुर प्रेस क्लब के नेतृत्व में चिकित्सा शिक्षा विभाग…

खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई: अवैध रेत-गिट्टी परिवहन करते 5 वाहन किये जप्त

खनिज विभाग की बड़ी कार्रवाई: अवैध रेत-गिट्टी परिवहन करते 5 वाहन किये जप्त

ShivJun 18, 20253 min read

अंबिकापुर। जिले में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर प्रभावी…

June 18, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मीडिया पर शिकंजा कसना शर्मनाक : टीएस सिंहदेव

रायपुर। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने मीडिया के लिए जारी स्वास्थ्य विभाग के आदेश को शर्मनाक बताया और कहा, भाजपा सरकार ने प्रदेश में मनमानी की सारी सीमाएं पार कर, अब मीडिया पर शिकंजा कसने की शर्मनाक कोशिश शुरू कर दी है।

गोपनीयता और प्रोटोकॉल के नाम पर: –

अस्पतालों में मीडिया के प्रवेश पर रोक,

– हर रिपोर्ट के लिए पूर्व लिखित अनुमति अनिवार्य,

– और कवरेज कब, कैसे और कितनी हो, ये भी अब सरकार या अस्पताल प्रशासन तय करेगा।

गोपनीयता ऑपरेशन थिएटर में हो सकती है, अपराध पीड़ितों और उनके परिजनों की हो सकती है – मगर जनता से जुड़े मुद्दों पर नहीं। उन्हें उजागर करने और उन पर सवाल करने से मीडिया को नहीं रोका जा सकता। मीडिया का प्रथम दायित्व जनता के प्रति है, और उसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में बाधित करना संवैधानिक अधिकारों का हनन है। जहाँ मरीज़ की निजता की सुरक्षा प्राथमिकता है, वहीं अगर मरीज़ स्वयं कुछ साझा करना चाहते हैं, तो उस पर पाबंदी लगाना न केवल अलोकतांत्रिक है, बल्कि इससे व्यवस्था और प्रबंधन में आवश्यक सुधार की संभावना भी बाधित होती है। यदि कोई मीडिया संस्थान भ्रामक या तथ्यहीन खबर प्रकाशित करता है, तो वर्तमान क़ानूनों में उसके लिए पर्याप्त प्रावधान मौजूद हैं। इसलिए मीडिया पर पूर्व प्रतिबंध लगाना नाजायज़ और नागरिक अधिकारों के खिलाफ़ है। सही तथ्य सामने आने से नहीं रोके जा सकते, क्योंकि आमजन को जानकारी मिले या न मिले, मरीज़ को तो मालूम होता है कि इलाज किस स्तर का हो रहा है। शासन और प्रशासन द्वारा मीडिया पर अनुचित प्रतिबंध लगाना न तो बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की दिशा में सहायक होगा, न मरीज़ों के हित में, और न ही संवैधानिक लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने वाला कदम होगा।

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, शासकीय अस्पतालों में मीडिया कवरेज के लिए जारी प्रोटोकॉल को लेकर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार में स्वास्थ्य विभाग का हाल बुरा है. स्वास्थ्य विभाग की पोल खुलने से बचाने के लिए मीडिया पर प्रतिबंध लगाया गया है. अपनी नाकामी छुपाने के लिए सरकार ने मीडिया का अस्पताल में प्रवेश प्रतिबंधित किया है. स्वास्थ्य विभाग ने मीडिया के लिए आपतकाल घोषित कर दिया गया है.

हालांकि इस मामले में अब तक राज्य सरकार और न स्वास्थ्य मंत्री की तरफ से कोई अधिकृत बयान सामने आया है.