Special Story

शिक्षा विभाग के अधिकारी का तबादला

शिक्षा विभाग के अधिकारी का तबादला

ShivNov 25, 20241 min read

रायपुर।  राज्य सरकार ने दो अफसरों के तबादले किये हैं।…

राज्य युवा महोत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी 2025 तक

राज्य युवा महोत्सव का आयोजन 12 से 14 जनवरी 2025 तक

ShivNov 25, 20243 min read

रायपुर।    प्रदेश में राज्य स्तरीय युवा महोत्सव की तैयारियां…

सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रही थाइराइड, खून-पेशाब की जांच, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को लगाई फटकार

सरकारी अस्पतालों में नहीं हो रही थाइराइड, खून-पेशाब की जांच, हाई कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को लगाई फटकार

ShivNov 25, 20242 min read

बिलासपुर। बिलासपुर समेत प्रदेश के बड़े सरकारी अस्पतालों में पिछले…

बस्तर में कड़ाके की ठंड, नगर निगम ने अब तक नहीं की अलाव की व्यवस्था

बस्तर में कड़ाके की ठंड, नगर निगम ने अब तक नहीं की अलाव की व्यवस्था

ShivNov 25, 20241 min read

जगदलपुर।  बस्तर में इन दिनों कड़ाके की ठंड पड़ रही…

November 25, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

चुनाव प्रचार में बच्चों और नाबालिग का इस्तेमाल नहीं हो पाएगा…चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दिया सख्त निर्देश

नई दिल्ली।   2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. सोमवार को चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार में बच्चों और नाबालिग को शामिल न करने की हिदायत दी है. आयोग ने सख्य निर्देश जारी किए हैं और कहा है कि आम चुनाव में प्रचार के पर्चे बांटते हुए, पोस्टर चिपकाते हुए, नारे लगाते हुए या पार्टी के झंडे बैनर लेकर चलते हुए बच्चे या नाबालिग नहीं दिखने चाहिए.

चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव संबंधी कार्यों या चुनाव अभियान गतिविधियों में बच्चों को शामिल करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. इस गाइडलाइन में किसी भी तरीके से बच्चों का राजनीतिक अभियान में शामिल करना, जिसमें कविता पाठ करना, गीत, नारे या बच्चों के द्वारा बोले गए शब्द या फिर उनके द्वारा किसी भी राजनीतिक पार्टी या उम्मीदवार के प्रतीक चिन्हों का प्रदर्शन करना शामिल है. चुनाव अभियान संबंधी गतिविधियों में बच्चों को शामिल करना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.

आयोग ने कहा कि अगर कोई भी दल अपने चुनाव प्रयास में बच्चों को शामिल करते हुए पाया गया तो बाल श्रम से संबंधित सभी अधिनियम, कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग अधिकारी को कार्रवाई करने के जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि, किसी राजनीतिक नेता के आसपास अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ एक बच्चे की मौजूदगी को चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं किया गया है और न ही इस गाइडलाइन का उल्लंघन माना जाएगा.