Special Story

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का नया रोस्टर जारी, 9 जून से होगा लागू

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का नया रोस्टर जारी, 9 जून से होगा लागू

ShivMay 14, 20251 min read

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का नया रोस्टर जारी किया गया है,…

May 14, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान: शैक्षणिक क्रांति की ओर छत्तीसगढ़ का निर्णायक कदम

रायपुर।   छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में शासकीय विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हेतु एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में ‘‘मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान” शुरू करने को मंजूरी दी गई, जो छत्तीसगढ़ में शिक्षा की संरचना और परिणामों को एक नई दिशा देगा।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा जीवन निर्माण की प्रक्रिया है। हमारी सरकार का संकल्प है कि राज्य के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण और समग्र शिक्षा मिले, चाहे वह किसी भी कोने में क्यों न रहता हो। उन्होंने इसे भविष्य निर्माण की नींव बताया और कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना राज्य का सर्वोच्च प्राथमिकता वाला कार्य है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य भर के शासकीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बहुआयामी रणनीतियाँ लागू की जाएंगी। स्कूल शिक्षा विभाग शीघ्र ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा, जिनमें विद्यालय स्तर पर क्रियान्वयन की स्पष्ट रूपरेखा दी जाएगी।

विद्यालयों का सामाजिक अंकेक्षण मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की प्रमुख विशेषता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, शिक्षण प्रक्रिया, विद्यार्थियों की उपलब्धियाँ, आधारभूत सुविधाएँ और शिक्षक उपस्थिति जैसे संकेतकों के आधार पर ग्रेडिंग की जाएगी। यह पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की नई मिसाल होगी। जो विद्यालय अपेक्षित गुणवत्ता तक नहीं पहुँच पा रहे हैं, उनकी नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाएगी। यह कार्य न केवल शिक्षा विभाग द्वारा, बल्कि अन्य विभागों के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से किया जाएगा, जिससे सामुदायिक निगरानी को बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि एक ओर जहाँ कमजोर विद्यालयों को चिन्हित किया जाएगा, वहीं दूसरी ओर मॉडल विद्यालयों का चयन कर भी किया जाएगा। कमजोर विद्यालयों के शिक्षकों को इन मॉडल स्कूलों का शैक्षणिक भ्रमण कराया जाएगा, ताकि वे श्रेष्ठ शैक्षणिक व्यवहार और व्यवस्थाओं से प्रेरणा ले सकें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पालक-शिक्षक सहभागिता मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू है। पालक-शिक्षक बैठकों (PTM) को एक औपचारिकता नहीं, बल्कि संवाद और सहभागिता का माध्यम बनाया जाएगा। इससे शिक्षकों और अभिभावकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा और बच्चों की प्रगति पर संयुक्त रूप से कार्य हो सकेगा।

इस अभियान के तहत कक्षा शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष फोकस रहेगा। शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे आधुनिक शिक्षण विधियों, टेक्नोलॉजी के उपयोग और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण को अपनाएँ, जिससे सीखने की प्रक्रिया आनंददायक और प्रभावी हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि यह अभियान केवल शिक्षा विभाग का नहीं बल्कि पूरे समाज का दायित्व है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह कदम शिक्षा को केवल पहुंच का विषय नहीं, बल्कि गुणवत्ता का विषय भी बनाता है। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान न केवल प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों का भविष्य उज्जवल बनाएगा, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगा।