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सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

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ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार सभी जिलों में…

सुशासन तिहार 2025- बैगा आदिवासी की समस्या का हुआ तुरन्त निदान, मिली ट्राइसिकल

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April 18, 2025

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का निर्देश, स्वास्थ्य मामलों में न हो कोई लापरवाही

रायपुर।      बारिश की मौसम में बीमारियों का प्रकोप रहता है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि स्वास्थ्य के मामले में कोई भी लापरवाही नहीं होनी चाहिए। श्री साय ने सभी अधिकारियों को संवेदनशील गांवों का भ्रमण कर हालत पर नजर रखने और जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

इसी कड़ी में बिलासपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने कोटा विकासखण्ड के मलेरिया प्रभावित कुरदर, छुईहा, टेंगनमाड़ा सहित अनेक ग्रामों का दौरा किया। कलेक्टर ने बारिश के कारण कीचड़ एवं दलदल से सने छुईहा एवं चिखलाडबरी सड़क मार्ग का बाईक में सवार होकर निरीक्षण किया और गांव के पहुंच मार्ग को तुरंत दुरुस्त करने के निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर ने कुरदर में मलेरिया चौपाल लगाकर वहां के हालात की समीक्षा की। उन्होंने गांव के चौक पर मलेरिया चौपाल लगाकर स्वयं मितानिन से मलेरिया जांच कराकर परीक्षण किया।

इस दौरान कलेक्टर ने ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग के मैदानी कर्मचारियों से हालात की जानकारी ली। कुरदर के सरपंच राजकुमार पैकरा से भी चर्चा की। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को रोज शाम को जनचौपाल लगाकर लोगों में जागरूकता फैलाने को कहा है। उन्होंने एक बाईक एम्बुलैंस को कुरदर में चौबीसों घण्टे रखने के निर्देश दिए। सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मचारियों को मुख्यालय में रहने को कहा है। कैंदा अस्पताल को एक 108 वाहन उपलब्ध कराने एवं कुरदर में पानी एवं बिजली की समस्या के निदान करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।

उन्होंने टेंगनमाड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का भी निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिया है कि यदि फेल्सिफेरम मलेरिया कन्फर्म होती है तो स्थानीय स्तर पर इलाज न करके सीधे जिला अस्पताल अथवा सिम्स में भर्ती के लिए रिफर किया जाये। उन्होंने कहा कि स्कूलों में प्रार्थना के उपरांत बच्चों को डायरिया एवं मलेरिया से बचने के उपाय बताएं। कलेक्टर ने निर्देश दिया है कि एक अलग कर्मचारी की ड्यूटी लगाकर मरीजों के घर का फोन नम्बर लेकर लगातार बीमारी की मॉनीटरिंग की जाये।