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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री आनंद सर मंदिर परिसर में दर्शन कर सरोवर में पुष्प अर्पित किए

ShivApr 11, 20252 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को श्री आनंदपुर धाम…

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उन्नत और समृद्ध रही है प्राचीन भारतीय वास्तुकला : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्राचीनकाल…

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

संत, महात्मा ज्ञान और सन्मार्ग के हैं प्रेरणा पुंज : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 11, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार…

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

शिक्षा ही है विकास का मूलमंत्र- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

ShivApr 11, 20254 min read

रायपुर।   शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। शिक्षा के बिना…

April 12, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के फ्लेक्स का किया विमोचन

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास में आयोजित ‘जनदर्शन’ में भिलाई की संस्था ‘स्वयंसिद्धा’ द्वारा संचालित प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के फ्लेक्स का विमोचन किया। संस्था द्वारा प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के माध्यम से दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में बच्चों और पालकों को अभद्र भाषा के इस्तेमाल के विरूद्ध जागरूक किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए इस नई पहल के लिए सदस्यों की पीठ थपथपाई।

मुख्यमंत्री श्री साय को ‘स्वयंसिद्धा’ की संस्थापक एवं निदेशक डॉ. सोनाली चक्रबर्ती ने बताया कि प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के तहत बच्चों और पालकों को गंदी भाषा व अश्लीलता के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक और सेन्सिटाइज किया जा रहा है। दुर्ग जिले के 200 स्कूलों में यह अभियान चलाया जा रहा है। शिक्षक दिवस के मौके पर विगत 5 सितम्बर से यह अभियान प्रारंभ किया गया है। टीवी, मोबाइल, ओटीटी व वेब सीरीज के बुरे प्रभाव के चलते बच्चों की भाषा बेहद चिंताजनक स्थिति में है। इसे सुधारने के लिए संस्था द्वारा यह पहल की गई है। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट ‘जागृति’ के माध्यम से स्कूली बच्चों की भाषा सुधारने के लिए कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। साथ ही बच्चों को बिना गाली-गलौज के अच्छी भाषा में बात करने का संकल्प दिलवाया जा रहा है। इसके लिए अभिभावकों के लिए भी अलग से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।