मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के मानपुर ब्लॉक में सीतागांव समाधान शिविर में हुए शामिल

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के मानपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सीतागांव में आयोजित समाधान शिविर में शामिल हुए। इस अवसर पर उनके साथ उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी उपस्थित थे।
सीतागांव को सीएम की सौगात
सीएम विष्णुदेव साय आए, साथ सौगात लाए… सुशासन तिहार के तीसरे चरण में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के सीतागांव पहुंचे सीएम ने लोगों को सौगात दी है. उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा करने के बाद बिजली की समस्या खत्म करने के लिए सब स्टेशन के स्थापना के साथ अन्य घोषणाएं की है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की ये घोषणाएं :-
- सीतागांव उप स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में होगा उन्नयन
- मोहला में बस स्टैंड और छात्रावास का होगा निर्माण
- सीतापुर में हाइ स्कूल का हायर सेकेंडरी स्कूल में होगा उन्नयन
- अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में 132 केवी सब स्टेशन की होगी स्थापना
प्रदेशभर में मनाया जा रहा सुशासन तिहार 2025
मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे प्रदेश में सुशासन तिहार 2025 मनाया जा रहा है. हमारी सरकार को कार्यभार संभाले डेढ़ वर्ष हुआ है. इस दौरान हम निरंतर जनता के बीच पहुंचकर योजनाओं के प्रभाव और लाभ का आकलन कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह सरकार पारदर्शिता और जनभागीदारी की भावना से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनने के बाद 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए 15 हज़ार विशेष मकानों की स्वीकृति दी गई है. महतारी वंदन योजना का लाभ सभी पात्र बहनों को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की है. जमीन की रजिस्ट्री के साथ अब नामांतरण की प्रक्रिया भी स्वतः पूर्ण होगी. हक त्याग अब केवल 500 रुपये में हो रहा है. प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिन्हें आगामी एक वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों तक विस्तारित किया जाएगा.
CM ने दोहराया – मार्च 2026 तक नक्सलवाद होगा खत्म
मुख्यमंत्री ने बताया कि नया रायपुर में स्थापित आदिवासी संग्रहालय जनजातीय संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. राज्य सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है. उन्होंने दोहराते हुए कहा कि मार्च 2026 तक इसे पूर्ण रूप से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पात्र हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण कर लाभान्वित किया. इसमें मत्स्य विभाग द्वारा जाल का, खाद्य विभाग द्वारा राशन कार्ड का, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ‘खुशियों की चाबी’ का वितरण किया गया. शिविर में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत हितग्राहियों को लाभ दिया गया और स्वच्छता दीदियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान पेंशन योजना के हितग्राही भी लाभान्वित हुए. मुख्यमंत्री साय ने क्षेत्र के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया.
1 महीने पहले आवेदन और परीक्षण, अब शिविरों में दिया जा रहा लाभ : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समाधान शिविर में लोगों से संवाद करते हुए कहा कि सरकार लोगों की समस्याओं के निराकरण और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए गंभीरता से काम कर रही है. इसके लिए एक महीने पहले से आवेदन लेकर परीक्षण किया गया और अब लोगों को शिविरों के आयोजन के माध्यम से लाभ प्रदान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं समाधान शिविरों में पहुंचकर मैदानी स्तर पर समस्याओं के समाधान की पड़ताल कर रहे हैं. उप मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि रजिस्ट्री, नामांतरण और हक त्याग की प्रक्रिया में क्रांतिकारी सुधार किए गए हैं. अब लोगों को कागज़ लेकर इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. रजिस्ट्री होते ही नामांतरण स्वमेव हो जाएगा. महतारी वंदन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से सरकार ने महिलाओं और गरीबों की चिंता की है. केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयासों से नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में बड़ी कामयाबी मिल रही है.
बता दें कि 5 मई से ‘सुशासन तिहार’ के तीसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 31 मई तक आकस्मिक दौरे पर निकलेंगे। इस विशेष अभियान के दौरान मुख्यमंत्री किसी भी समय, किसी भी जिले या गांव में अचानक पहुंच सकते हैं. सीएम साय का दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया है. स्थानीय प्रशासन से लेकर आम जनता तक, किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं होगी कि मुख्यमंत्री साय कब और कहां पहुंचेंगे.
सीएम साय किसी भी जिले में पहुंचकर आमजनों से सीधे संवाद करेंगे और ग्रामीणों से मिलकर योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे. वे समाधान शिविरों में भी शामिल होंगे और लोगों की समस्याओं को मौके पर ही सुनकर समाधान की दिशा में कार्य करेंगे.