Special Story

ग्रामीण इलाके में पहुंचा 35 हाथियों का दल, कड़कड़ाती ठंड में रात भर जागने पर लोग मजबूर

ग्रामीण इलाके में पहुंचा 35 हाथियों का दल, कड़कड़ाती ठंड में रात भर जागने पर लोग मजबूर

ShivNov 24, 20241 min read

सरगुजा। छत्तीसगढ़ के सरगुजा में 35 हाथियों का दल फिर से…

ई-चालान से बचने के लिए वाहन की नंबर प्लेट से छेड़छाड़, पुलिस ने दो आरोपियों को भेजा जेल

ई-चालान से बचने के लिए वाहन की नंबर प्लेट से छेड़छाड़, पुलिस ने दो आरोपियों को भेजा जेल

ShivNov 24, 20242 min read

रायपुर।  यातायात नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई से बचने के…

लक्ष्मी राजवाड़े की गाड़ी को ट्रक ने मारी टक्कर, बाल-बाल बचीं मंत्री…

लक्ष्मी राजवाड़े की गाड़ी को ट्रक ने मारी टक्कर, बाल-बाल बचीं मंत्री…

ShivNov 24, 20241 min read

बलरामपुर। महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सड़क दुर्घटना में बाल-बाल…

पेड़ों को गिराकर बिछाया जा रहा था बीएसएनएल का केबल, वन अमले ने जब्त किए तीन जेसीबी…

पेड़ों को गिराकर बिछाया जा रहा था बीएसएनएल का केबल, वन अमले ने जब्त किए तीन जेसीबी…

ShivNov 24, 20241 min read

बीजापुर। जंगल के विशालकाय पेड़ों को गिराकर संचार कंपनी बीएसएनएल…

अनुसूचित जनजाति समाज हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का संवाहक -मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

अनुसूचित जनजाति समाज हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का संवाहक -मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivNov 24, 20243 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर के पंडित…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस जवानों के साथ सुनी मन की बात

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पुलिस जवानों के साथ सुनी मन की बात

ShivNov 24, 20241 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज पुलिस मैस…

November 24, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ग्राम मसेनार एवं पाहुरनार को प्रदान किया संपूर्ण जैविक ग्राम का प्रमाण पत्र

रायपुर।    अपने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विकासखण्ड दंतेवाड़ा के ग्राम मसेनार एवं विकासखण्ड गीदम के ग्राम पाहुरनार को संपूर्ण जैविक ग्राम का प्रमाण पत्र प्रदान किया। यहां देश के सबसे अधिक रकबे 65 हजार 279 हेक्टेयर एवं 110 ग्रामों में 10 हजार 264 किसानों के द्वारा जैविक खेती की जा रही है, जिन्हें वृहद क्षेत्र प्रमाणीकरण के अन्तर्गत भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के द्वारा जैविक प्रमाणीकृत किया गया है।

वर्तमान में जैविक जिला दंतेवाड़ा में विशिष्ट कार्य करने के अंतर्गत जैविक जिला में परिवर्तन कर कृषकों की आजीविका विकास के लिए जैविक खेती में वृहद स्तर पर प्रशिक्षण प्रचार प्रसार शैक्षणिक भ्रमण सिंचाई एवं अधोसंरचना विकास, मार्केट लिंकेज इत्यादि के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाकर जिला प्रशासन द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा एफपीओ प्रमाणीकरण संस्था के संबंध में कार्य किया जा रहा है। जिले में रासायनिक उर्वरक एवं रासायनिक दवा पूरी तरह प्रतिबंधित है जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए जिले के सभी 220 ग्रामों में तीन चरणों में कृषक खेत पाठशाला का आयोजन किया जा रहा है।  300 से अधिक स्थानीय प्रगतिशील किसानों को राज्य के बाहर प्रशिक्षण देकर जैविक कार्यकर्ता एवं मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार किया गया है।

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए इस खरीफ वर्ष में 1200 हेक्टेयर रकबा में हरी खाद एवं 800 से अधिक रकबा में श्री विधि से खेती किया गया है। जिले के सभी 23000 किसानों को स्वॉइल हेल्थ काड उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय को इस अवसर पर ग्राम कासौली के प्रगतिशील किसान श्री बोसा राम अटामी ने उन्नत किस्म के अमरुद और कमल सिंह नाग ने जैविक विधि से उत्पादित विशिष्ट चावल की टोकरी भेंट स्वरूप की।

इस कार्यक्रम में जिला प्रशासन के तत्वावधान में नियद नेल्लानार योजना के तहत मुख्यमंत्री द्वारा ग्राम पंचायत चेरपाल और गोंगपाल को बस संचालन सेवा प्रांरभ करने के लिए दो बसें प्रदान की गई। जिसका संचालन सेवा महिला स्व सहायता समूह करेगी| दूर-दराज के ग्रामों में सरल आवाजाही के लिए प्रशासन द्वारा 6 बसें और दी जाएगी। इस मौके पर लाइवलीहुड कॉलेज से प्रशिक्षित 2 युवाओं, ग्राम धुरली के अनिल और ग्राम गामावाड़ा के गौरीश को भी टैक्सी संचालन के लिए 4 पहिया वाहन प्रदान किया गया।

जिला प्रशासन की पहचान दन्तेवाड़ा नवाचार कार्यक्रम के अन्तर्गत ग्राम बालपेट के 6 माह के बालक धीरज नाग को सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र के दस्तावेज भी मुख्यमंत्री के हाथों प्रदाय किया गया। पहचान दन्तेवाड़ा एप के अंतर्गत जिला प्रशासन द्वारा स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के संयुक्त समन्वय से जिले के सभी नवजात शिशुओं से संबंधित सभी आवश्यक मूलभूत दस्तावेज 4 माह के अंदर उनके पालकों को सौंपे जाने का कार्यक्रमचला चलाया जा रहा है। इससे बच्चों के जन्म से बड़े होने तक सभी दस्तावेज उनके पास उपलब्ध होंगे, पालकों को इन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर से भी मुक्ति मिलेगी।