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जनसेवा का प्रभावी माध्यम है सिविल सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

जनसेवा का प्रभावी माध्यम है सिविल सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 21, 20255 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिविल…

April 21, 2025

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बादलों की गरज के दौरान लोगों से सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की

रायपुर।      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बरसात में बादलों की गरज के दौरान लोगों से सुरक्षित स्थान पर रहने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेशवासियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आकाशीय बिजली से बचने का सावधानी ही उपाय है। इसलिए सतर्क रहें और वज्रपात से बचाव के निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। मुख्यमंत्री ने विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने से जनहानि की घटनाओं पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ऐसी घटनाओं से बचने नागरिकों से सभी जरूरी सावधानियां बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर आकाशीय बिजली और वज्रपात से बचाव के लिए स्थानीय भाषा में सुरक्षा उपायों का प्रदर्शन करने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए गए हैं। नगरीय निकायों, पंचायतों और गैर-सरकारी संगठनों को भी विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने को कहा गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने तेज बिजली चमकने या बिजली गिरने की आशंका पर अपनी और अपनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इससे बचाव के उपायों का कड़ाई से पालन करने को कहा है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे बादलों की गरज के दौरान सुरक्षित स्थान पर रहें, घर के अंदर रहें तथा पेड़ों और बिजली के खंभों से दूरी बनाकर रहें। उन्होंने इस दौरान धातु की वस्तुओं से दूरी बनाए रखने, बरसात के समय धातु की चीजें जैसे छाता, छड़ और तार को नहीं छूने को कहा है क्योंकि ये बिजली को आकर्षित कर सकते हैं।

श्री साय ने बादल गरजने के समय दौरान लोगों को जलाशयों, तालाबों, नदियों और स्विमिंग पूलों से दूर रहने की अपील की है क्योंकि पानी में बिजली की संवेदनशीलता अधिक होती है जिस कारण वह आसानी से पानी में फैल सकती है। उन्होंने इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग नहीं करने के साथ ही कंप्यूटर, फोन, टीवी आदि के उपयोग से बचने और अपने उपकरणों में इंटरनेट को बंद रखने की हिदायत दी है। उन्होंने बिजली गिरने के दौरान घर से बाहर रहने और कोई सुरक्षित स्थान नहीं मिलने पर दोनों एड़ियों को आपस में मिलाकर उखड़ू बैठने और अपने कानों को ढंकने के उपाय पर अमल करने को कहा है।