Special Story

सांसद बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ राज्य कार्यकारिणी बैठक संपन्न

सांसद बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ राज्य कार्यकारिणी बैठक संपन्न

ShivApr 16, 20253 min read

रायपुर। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ की राज्य कार्यकारिणी की…

प्रोफेसर विजय कुमार गोयल बने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नए अध्यक्ष, आदेश जारी …

प्रोफेसर विजय कुमार गोयल बने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नए अध्यक्ष, आदेश जारी …

ShivApr 16, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी विश्वविद्यालयों के संचालन और निगरानी के लिए…

April 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बगिया में बच्चों संग मुख्यमंत्री श्री साय ने मनाया होली का त्यौहार

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज गांव के बच्चों के साथ होली का उत्सव हर्षोल्लास से मनाया और उनके संग रंगों की खुशियां साझा कीं। बगिया के मंझापारा गांव में होली के रंगों से सराबोर बच्चों का मुख्यमंत्री के प्रति उत्साह और अपनापन देखते ही बनता था, जब वे अपने गांव के पुरोधा और प्रदेश के मुखिया से मिलने उनके निवास पहुंचे, तो दृश्य किसी पारिवारिक उत्सव जैसा प्रतीत हुआ।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने निज निवास पर बच्चों की टोली का आत्मीय स्वागत किया और खुद भी उनके संग होली के रंगों में रंग गए। उनकी सहजता और सादगी ने बच्चों को बेझिझक उनसे मिलने और घुल-मिलकर बातचीत करने का अवसर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने न केवल बच्चों से उनका हालचाल जाना, बल्कि उन्हें मिठाई खिलाई और उनके साथ ठहाके लगाते हुए हंसी-ठिठोली भी की।

बच्चों ने बताया कि वे पूरे गांव में होली खेलते हुए मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं, और जब वे वहां पहुंचे, तो मुख्यमंत्री ने भी उनके संग पूरी आत्मीयता से रंग-गुलाल खेला। यह मिलन एक अनोखे उल्लास का प्रतीक बन गया, जिसमें प्रेम, स्नेह और भाईचारे के रंग घुल गए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि होली मेल-जोल, प्रेम और सौहार्द का पर्व है, जो समाज में भाईचारे को और भी मजबूत करता है। इस तरह के उत्सव हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को जीवंत बनाए रखते हैं और हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं।

गांव के बच्चों के उत्साह और मुख्यमंत्री की आत्मीयता ने इस होली को और भी यादगार बना दिया। यह अवसर केवल रंगों का नहीं था, बल्कि उसमें अपनत्व, स्नेह और खुशियों के अनगिनत रंग घुले हुए थे।