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मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को नमन किया

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ShivJan 23, 20251 min read

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भूपेश बघेल ने निर्वाचन आयोग को लिखा पत्र, पूछे ये चार सवाल,…. मुख्यमंत्री बोले, निष्पक्ष होगा चुनाव

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ShivJan 23, 20253 min read

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ShivJan 23, 20251 min read

बिलासपुर।   उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाले दुर्घटनाओं…

January 23, 2025

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मुख्यमंत्री साय ने एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के स्मृति दिवस 11 फ़रवरी को बगिया कैंप कार्यालय में उनके छायाचित्र पर मुख्यमंत्री ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उन्होंने कहा कि एकात्म मानववाद की विचारधारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद है जो समाजवाद और व्यक्तिवाद से अलग सोचने की आजादी देता है।

एकात्म मानववाद एक वर्गहीन, जातिविहीन तथा संघर्ष मुक्त सामाजिक व्यवस्था जो साम्यवाद से अलग है उसके रूप में परिभाषित किया गया। सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक तरीके से भारतीय संस्कृति का एकीकरण होना चाहिए।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मुख्य विचारों को उनकी भारतीयता, संस्कृति और अंत्योदय की संकल्पना में देखा जा सकता है। ‘सभी के लिए शिक्षा’ और ‘हर हाथ को काम, हर खेत को पानी’ के उनके दृष्टिकोण को आर्थिक लोकतंत्र के उनके विचार में परिणित होते देखा गया। आर्थिक लोकतंत्र के अपने विचार को समझाते हुए वे कहते हैं, ”यदि सभी के लिए वोट राजनीतिक लोकतंत्र की कसौटी है, तो सभी के लिए काम आर्थिक लोकतंत्र का माप है। उन्होंने बड़े पैमाने के उद्योग आधारित विकास, केंद्रीकरण और एकाधिकार के विचारों का विरोध करते हुए स्वदेशी और विकेंद्रीकरण की वकालत की। उन्होंने आगे कहा कि कोई भी व्यवस्था जो रोजगार के अवसर कम करती हो वह अलोकतांत्रिक है. उन्होंने सामाजिक असमानता से मुक्त एक ऐसी व्यवस्था की वकालत की जहां पूंजी और शक्ति का विकेंद्रीकरण हो।

पंडित दीन दयाल उपाध्याय का कहना था कि भारतीय संस्कृति की नींव पर एक मजबूत और समृद्ध भारतीय राष्ट्र का निर्माण करना है, जो सभी को स्वतंत्रता, समानता और न्याय (धर्मराज्य), सभी के लिए अधिकतम भलाई (सर्वोदय और अंत्योदय) और संश्लेषण, न कि संघर्ष को आधार बनाए।