Special Story

अटल निर्माण वर्ष में सुशासन की नई ऊंचाइयां छूने को तैयार छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

अटल निर्माण वर्ष में सुशासन की नई ऊंचाइयां छूने को तैयार छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivJun 8, 20254 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में…

अंतर्राष्ट्रीय समपार (फाटक) दिवस के अवसर पर चलाया जा रहा है सघन जागरुकता अभियान

अंतर्राष्ट्रीय समपार (फाटक) दिवस के अवसर पर चलाया जा रहा है सघन जागरुकता अभियान

ShivJun 8, 20252 min read

रायपुर। अंतर्राष्ट्रीय समपार फाटक जागरूकता दिवस के अवसर पर दिनांक…

भाजपा नेत्री ने दिखायी दबंगई, सरेराह किसान को पीटा, जमकर बरसाये लात-घूंसे…

भाजपा नेत्री ने दिखायी दबंगई, सरेराह किसान को पीटा, जमकर बरसाये लात-घूंसे…

ShivJun 8, 20251 min read

कोरबा। भाजपा नेत्री का मारपीट करते हुए एक वीडियो सोशल…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मुस्लिम समाज ने दी ईदुल अज़हा की बधाई

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को मुस्लिम समाज ने दी ईदुल अज़हा की बधाई

ShivJun 8, 20251 min read

रायपुर। मुस्लिम समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री निवास में प्रदेश…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आईआईएम रायपुर परिसर में किया सुशासन वाटिका का शुभारंभ

ShivJun 8, 20252 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहां भारतीय प्रबंध…

June 8, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मुख्यमंत्री ने महान साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की जयंती पर उन्हें किया याद

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आधुनिक हिंदी साहित्य के जनक माने जाने वाले महान साहित्यकार भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की 9 सितंबर को जयंती पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने देश हित और हिंदी साहित्य में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि भारतेन्दु जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल के एक उत्कृष्ट कवि, सशक्त व्यंग्यकार, सफल नाटककार, जागरूक पत्रकार तथा ओजस्वी गद्यकार थे। इसके अलावा वे सम्पादक और कुशल वक्ता भी थे। भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने अपने साहित्य के माध्यम से देश की गरीबी, रूढ़िवाद, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण के विरुद्ध अपनी आवाज बुलंद की। इसके साथ ही हिन्दी को राष्ट्र-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने में उनका बड़ा योगदान रहा। उन्होंने खड़ी बोली के सरल रूप को गद्य में स्थापित किया। उनके साहित्य ने लोगों में अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति प्रेम जगाया। श्री साय ने कहा कि साहित्य के क्षेत्र में भारतेंदु जी का योगदान चिरस्मरणीय है।