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जनजातीय संस्कृति में भगोरिया हाट का है विशेष महत्व : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को बड़वानी जिले…

मध्यप्रदेश में वन्य जीव पर्यटन से होगी रोजगार में वृद्धि : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivMar 10, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को शिवपुरी में नवनिर्मित…

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव को रायपुर से झारखंड ले गई पुलिस

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ShivMar 10, 20252 min read

रायपुर। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम करने वाला झारखंड का…

भिलाई में ED की टीम पर हमला : भूपेश बघेल के घर से बाहर निकलते ही समर्थकों ने फेंके ईंट-पत्थर

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ShivMar 10, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित…

March 11, 2025

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भूमकाल स्मृति दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भूमकाल स्मृति दिवस पर आज जशपुर जिले के विकासखंड कांसाबेल ग्राम मुंडाटोली में आदिवासी जननायक अमर शहीद गुंडाधुर के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का आगाज करने वाले जननायक वीर गुंडाधुर का बलिदान इतिहास में सदा अमर रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हजारों आदिवासियों के प्रेरणास्त्रोत वीर गुंडाधुर ने बस्तर को अंग्रेजों की हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए अपना बलिदान दिया। इसलिए आज भी उन्हें बस्तर में देवता की तरह पूजा जाता है। हर साल भूमकाल दिवस के मौके पर 10 फरवरी को उन्हें याद किया जाता है और श्रद्धांजलि दी जाती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आदिवासी चेतना के प्रतीक के रूप में शहीद गुंडाधुर जनमानस में हमेशा जीवित रहेंगे। उनकी स्मृति में मनाया जाने वाला भूमकाल दिवस सदा हमें शोषण के विरूद्ध आवाज बुलंद करने का साहस देता रहेगा। उन्होंने कहा कि अमर शहीद गुंडाधुर ने अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आदिवासी जनमानस में जो अलख जगाई है, वह हमेशा प्रज्ज्वलित रहेगी।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर के एक छोटे से गांव में पले-बढ़े गुंडाधुर ने अंग्रेजों को इस कदर परेशान किया था कि कुछ समय के लिए अंग्रेजों को गुफाओं में छिपना पड़ा था। अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले क्रांतिकारी अमर शहीद गुंडाधुर आज भी लोगों के दिलों में बसे है। इतिहास के पन्नों में दर्ज शहीद गुंडाधुर का व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी को प्रेरणा देता है।