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छत्तीसगढ़ की ट्रेनों में अब रिश्वत लेकर सेटिंग नहीं कर पाएंगे टीटीई…

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ShivMay 14, 20251 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों में अब टीटीई रिश्वत…

सट्टा रैकेट का भंडाफोड़ : सट्टा किंग पार्षद और उसका पिता गिरफ्तार, पाकिस्तान और दुबई से निकला कनेक्शन

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ShivMay 14, 20252 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर में सट्टेबाजी के खिलाफ जारी अभियान के तहत…

कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर मारे गए 26 नक्सली, लाखों रुपए का घोषित था इनाम

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ShivMay 14, 20252 min read

बीजापुर।  कर्रेगुट्टा की पहाड़ी पर सुरक्षा बलों का सबसे बड़ा…

गोपनीय सैनिक ने रायफल से खुद को मारी गोली, अस्पताल में तोड़ा दम, जांच में जुटी पुलिस

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ShivMay 14, 20251 min read

सुकमा। सुकमा जिले में गोपनीय सैनिक के तौर पर पदस्थ जवान…

May 14, 2025

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मुख्यमंत्री ने बागबाहरा वन क्षेत्र में निवासरत कमार परिवारों के बेदखली के मामले की जांच के निर्देश दिए

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर स्थित निवास कार्यालय में आयोजित सप्ताहिक जनदर्शन कार्यक्रम में बागबाहरा वन क्षेत्र के कमार जनजाति परिवारों के आवेदन की सुनवाई की। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को वर्षाें से बागबाहरा वन क्षेत्र क्रमांक 88 निवासरत कमार परिवारों को वहां से बेदखल किए जाने के लिए सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा जारी नोटिस की जांच कर उचित कार्यवाही के निर्देश दिए।

जनदर्शन कार्यक्रम में बागबाहरा वन क्षेत्र क्रमांक 88 में निवासरत कमार जनजाति के परिवार के लोग मुख्यमंत्री से बेदखली की कार्यवाही रोकने की फरियाद लेकर पहुंचे थे। अलख राम कमार ने बताया कि उसके सहित 20 कमार परिवारों को उक्त वन क्षेत्र में निवास कर रहे हैं। कमार परिवारों को वहां से बेदखल किए जाने के लिए नोटिस जारी की गई है। उन्होंने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार वन अधिकार अधिनियम 2006 के पूर्व से 20 कमार परिवार के लोग उक्त वन क्षेत्र में निवास कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। वर्ष 2008 में ग्राम पंचायत तमोरा द्वारा पेयजल व्यवस्था के लिए वहां बोर खनन कराया गया है। वन अधिकार समिति द्वारा 10 मई 2008 को काबिज परिवारों को पट्टा दिए जाने की भी अनुशंसा की गई है। पट्टा के नाम पर अधिकारियों द्वारा राशि की मांग किए जाने का विरोध करने पर आज पर्यन्त तक उन्हें वन अधिकार पट्टा नहीं दिया गया। कमार परिवारों को प्रताड़ित करने के लिए समय-समय पर बेदखल किए जाने की धमकी और नोटिस दी जाती है, जिससे कमार परिवार के लोग भयभीत है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए वन विभाग के अधिकारियों को पूरे मामले की जांच कर उचित कार्यवाही के निर्देश दिए।