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टमाटर से भरी पिकअप पलटी, सड़क पर बिखरे टमाटर, अफरा-तफरी का माहौल

टमाटर से भरी पिकअप पलटी, सड़क पर बिखरे टमाटर, अफरा-तफरी का माहौल

ShivMay 21, 20251 min read

बिलासपुर।   टमाटर से भरी पिकअप पलटने से बीच सड़क पर…

May 21, 2025

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छत्तीसगढ़ के बाल वैज्ञानिक पियूष ने सीएम साय से की मुलाकात, साय ने जल्द ही प्रधानमंत्री से मिलाने का दिया भरोसा

रायपुर।  13 साल की उम्र में दुनिया की नामी शोध संस्थान इंटरनेशनल जनरल आफ साइंटिफिक रीजन एंड इंजीनियरिंग द्वारा डॉक्टर की उपाधि प्राप्त करने वाले पियूष जायसवाल ने सीएम हाउस में विष्णुदेव साय से औपचारिक मुलाकात की. 2 घंटे के इस मुलाकात में सीएम साय ने बाल वैज्ञानिक पीयूष जायसवाल से उनकी उपलब्धि की कहानी जानी. पिता पी एल जायसवाल भी इस समय मौजूद थे. सीएम बाल वैज्ञानिक के उपलब्धि से काफी प्रभावित हुए और उन्हें हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया. सीएम ने कहा कि जल्द ही वे अपने राज्य के इस प्रतिभा को पीएम मोदी से भी भेंट करवाएंगे.

सीएम से मुलाकात से पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ. श्याम बिहारी जायसवाल ने इस प्रतिभावान छात्र को अपने निवास बुलवाया था. पियूष की उपलब्धि जानने के बाद जायसवाल ने तत्काल ही उन्हें सीएम से भेंट कराने का कार्यक्रम भी तय किया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पियूष ना केवल उनके समाज का बल्कि पूरे राज्य के लिए गौरव है. उसकी प्रतिभा को सफलता के उच्च शिखर तक पहुंचाने सरकार हर संभव मदद करेगी.

जिज्ञासा से शुरू हुआ सफर,और हासिल कर लिया उपलब्धि

पियुष का 2020 में नासा की ओर से संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के लिए टूर हुआ था. यहा से लौटने के बाद पियूष ने 2021 में “फुलफिल ऑफ़ कॉसमॉस” अंतरिक्ष विज्ञान पर पूरी किताब लिख डाली. जिसमें अंतरिक्ष ब्रह्मांड की संपूर्ण जानकारी समाहित था. फिर 2021 में पियूष ने वेग रहस्य (Velocity Mystery) पर रिसर्च कर बढ़ते गुरुत्वाकर्षण के चलते ब्रम्हांड में आने वाले खतरे को 13 वर्ष की उम्र में शोध कर खगोल विज्ञान क्षेत्र में एक नया अध्याय लिख दिया. अमरीका में स्थित दुनिया की नामी शोध संस्थान इंटरनेशनल जनरल आफ साइंटिफिक रीजन एंड इंजीनियरिंग ने इस सोध पर मुहर लगाकर पियूष को डॉक्टरेट को उपाधि के साथ ही बाल वैज्ञानिक का दर्जा दे दिया. 17 साल के उम्र में वैज्ञानिक बनने वाले अल्बर्ट आइंस्टाइन के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए पियूष 13 साल के उम्र में उपलब्धि हासिल करने वाले पहले बाल वैज्ञानिक बन गए.

पियूष के माता पिता बने प्रेरणा, बहन भी महिला बाल वैज्ञानिक

बलौदा बाजार जिले के रहने वाले बाल वैज्ञानिक पीयूष जायसवाल का शिक्षा दीक्षा बचपन से कक्षा आठवीं तक डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल में हुआ व डीएवी में पढ़ाई करते हुए बाल वैज्ञानिक बन गया है. पियुष अभी शकुंतला गुरुकुल भिलाई में कक्षा दसवीं का छात्र है. विद्यालय ने भी कक्षा 12वीं तक छात्रवृत्ति प्रदान की है. छात्र पियुष जायसवाल के पिता पीएल जायसवाल डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल जांता, बेमेतरा में प्राचार्य हैं. माता-सुनिता जायसवाल डीएवी मुख्यमंत्री पब्लिक स्कूल धरमपुरा कवर्धा में शिक्षिका हैं. पियुष की छोटी बहन साक्षी जायसवाल भी छत्तीसगढ़ की पहली महिला वैज्ञानिक हैं. जिसने 12 वर्ष के उम्र में चेन्नई सरकार और भारत सरकार के कैबनेट मंत्री से सम्मान हासिल किया है.

पियुष ने 2021 में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया. इस उपलब्धि के लिए कलचुरी जायसवाल समाज ने कलचुरी गौरव से 2022 में राष्ट्रीय सामाजिक अवार्ड से नवाजा. गोल्डन बुक ऑफ वर्ड रिकॉर्ड एस्ट्रोफिजिक्स में 12 वर्षों में अपना नाम दर्ज कराया. 2023 बाल श्रेठ पुरुस्कार प्रधानमंत्री संग्रहालय दिल्ली में अन्तराष्ट्रीय अवॉर्ड मिला. इसके अलावा दिल्ली में नेशनल साइंस अवार्ड 2024 का खिताब भी पियूष को हासिल है. पियुष ने अपनी उपलब्धि के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के अवॉर्ड हासिल किए हैं.