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नशे में धुत पुलिस आरक्षक ने नर्स से की बदतमीजी, FIR के बाद हुआ सस्पेंड

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ShivApr 11, 20251 min read

बालोद।   आमतौर पर पुलिस विभाग को अनुशासन और कानून व्यवस्था…

मुख्यमंत्री ने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें किया नमन

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ShivApr 11, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने समाज सुधारक, विचारक,…

सुकमा-कोंटा के बाद अब दोरनापाल में ACB-EOW की कार्रवाई, वन विभाग के कर्मचारी के घर पर मारा छापा

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ShivApr 11, 20251 min read

सुकमा।  छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता बोनस घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले…

April 11, 2025

Apni Sarkaar

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तीन साल में छत्तीसगढ़ होगा नक्सल मुक्त, गृहमंत्री ने रोड मैप बनाने व नक्सलियों के फंडिंग के रास्तों को बंद करने के दिये निर्देश

रायपुर-  केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल रायपुर में छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा , केंद्रीय गृह सचिव, राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, आसूचना ब्यूरो (IB) के निदेशक और CRPF के महानिदेशक सहित कई अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि तीन आंतरिक सुरक्षा स्थितियों- जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और वामपंथी उग्रवाद-में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है और इनमें हिंसा में लगभग 75% की कमी आई है। इनके प्रभाव वाले भौगोलिक क्षेत्र में भी लगभग 80 प्रतिशत तक की कमी आई है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) अब उत्तरपूर्व के लगभग 80% क्षेत्रों से हटा लिया गया है। वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में हुई प्रगति की सराहना करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित भौगोलिक क्षेत्रों और हिंसा दोनों में उल्लेखनीय कमी आई है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों और सभी केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों के कारण वामपंथी उग्रवाद की समस्या अनिवार्य रूप से अब छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तक ही सीमित है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों को अगले तीन वर्षों के भीतर माओवादी खतरे से मुक्त करने की जरूरत है। गृह मंत्री ने खासकर वामपंथी उग्रवाद को बनाए रखने में सहायक पूरे तंत्र को टारगेट करने को लेकर सभी संबंधित हितधारकों द्वारा एक विस्तृत रोडमैप तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य पुलिस को शेष सुरक्षा कमियों को दूर करने, व्यापक जांच सुनिश्चित करने, अभियोजन की बारीकी से निगरानी करने, फंडिंग के रास्तों को बंद करने और खुफिया नेतृत्व वाले ऑपरेशन जारी रखने के निर्देश दिए। उन्होंने मल्टी-एजेंसी सेंटर के माध्यम से साझा किए गए सभी इनपुट की समीक्षा करने और सत्यापित इनपुट को संचालित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की सम्पूर्ण कवरेज की आवश्यकता पर बल दिया और इसके लिए सुरक्षा बलों के कैंपों का उपयोग करने को कहा ताकि नजदीक के गांवों में इन योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सके। उन्होंने उल्लेख किया कि गृह मंत्रालय को छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद से अत्यधिक प्रभावित जिलों में धन के आवंटन और इसके उपयोग दोनों मामलों में लचीला होना चाहिए। गृह मंत्री ने वास्तविक अधिकारों के बारे में सभी स्थानीय शिकायतों के सक्रिय और संवेदनशील प्रबंधन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्री के निर्देश पर केंद्रीय गृह सचिव द्वारा वामपंथी उग्रवाद से अत्यधिक प्रभावित जिलों के कलेक्टरों और एसएसपी के साथ एक विस्तृत बातचीत की गई।