Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़-उज़्बेकिस्तान शिक्षा समझौता, विद्यार्थी अब उच्च शिक्षा और रिसर्च के लिए जा सकेंगे उज़्बेकिस्तान

रायपुर।   छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (IGKV), रायपुर और उज़्बेकिस्तान के डेनाउ इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप एंड पेडागॉजी के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत दोनों देशों के छात्र और शिक्षक एक-दूसरे के संस्थानों में पढ़ाई और शोध कर सकेंगे. यह करार उज़्बेकिस्तान में भारत की राजदूत सुश्री स्मिता पंत की उपस्थिति में ऑनलाइन समारोह के दौरान संपन्न हुआ।

समझौते पर IGKV के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल और डेनाउ इंस्टीट्यूट के रेक्टर प्रो. आयबेक रोज़िव ने हस्ताक्षर किए. इसके तहत छत्तीसगढ़ के छात्र उज़्बेकिस्तान में स्नातक, स्नातकोत्तर, और शोध पाठ्यक्रमों के लिए जा सकेंगे, जबकि उज़्बेकिस्तान के छात्र IGKV में कृषि और संबंधित क्षेत्रों में अध्ययन करेंगे. दोनों संस्थानों के प्राध्यापक और वैज्ञानिक भी शोध और शिक्षण के लिए एक-दूसरे के संस्थानों में जाएंगे.

उज़्बेकिस्तान में भारत की राजदूत स्मिता पंत ने कहा कि भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच सदियों पुराने व्यापारिक और सांस्कृतिक रिश्ते हैं. उन्होंने बताया कि डेनाउ इंस्टीट्यूट के 22 संकाय सदस्य पहले ही भारत में शोध कर चुके हैं. यह समझौता कृषि, पर्यावरण, जल संरक्षण, और विज्ञान के क्षेत्र में नए शैक्षिक और शोध अवसर खोलेगा. उन्होंने IGKV के कुलपति और उनकी टीम को उज़्बेकिस्तान की शैक्षिक सुविधाओं का जायजा लेने के लिए आमंत्रित किया.

डेनाउ इंस्टीट्यूट के रेक्टर प्रो. आयबेक रोज़िव ने कहा कि उनका संस्थान केवल पांच साल पुराना है, इसलिए IGKV की सदी पुरानी शिक्षण और शोध सुविधाओं से उनके छात्रों को बड़ा लाभ मिलेगा. IGKV के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला, जिसमें 1903 में धान अनुसंधान केंद्र, 1961 में कृषि महाविद्यालय, और 1987 में विश्वविद्यालय की स्थापना शामिल है. उन्होंने डेनाउ इंस्टीट्यूट के छात्रों और संकाय सदस्यों को रायपुर आने का न्योता दिया.