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June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

FHI में छत्तीसगढ़ राज्य ने लगातार तीसरी बार हासिल किया दूसरा स्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र समेत इन राज्यों को पछाड़ा

रायपुर।  छत्तीसगढ़ राज्य ने राजकोषीय स्वास्थ्य सूचकांक (FHI) में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लगातार तीसरी बार देश में दूसरा स्थान हासिल किया है. नीति आयोग द्वारा सूचकांकों में 55.2 अंकों के साथ छत्तीसगढ़ व्यय की गुणवत्ता में एचीवर श्रेणी, जबकि राजस्व जुटाने में फ्रंट रनर की श्रेणी में रहा.

राजकोषीय स्वास्थ्य मूल्यांकन कर नीति आयोग द्वारा जारी अध्ययन रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ 2022-23 की रैंकिंग में देश में दूसरे नंबर पर रहा. पांच अलग-अलग सूचकांकों के आधार पर जारी रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने 55.2 अंक प्राप्त किए. भारत में राज्यों के राजकोषीय स्वास्थ्य के बारे में समझ विकसित करने के लिए नीति आयोग द्वारा यह पहल की गई है. उल्लेखनीय बात यह है कि छत्तीसगढ़ लगातार तीसरे साल देश में दूसरे नंबर पर रहा .

नीति आयोग की रैंकिंग में देश के 18 प्रमुख राज्यों को शामिल किया गया. ये राज्य भारत की जीडीपी, छत्तीसगढ़ का खनिज से राजस्व जुटाने में लगातार अच्छा प्रदर्शन, जनसांख्यिकी, कुल सार्वजनिक व्यय, राजस्व और समग्र राजकोषीय स्थिरता में उनके योगदान के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं. चूंकि राज्य लगभग दो-तिहाई सार्वजनिक व्यय और कुल राजस्व के एक-तिहाई के लिए जिम्मेदार हैं, इसलिए उनका राजकोषीय प्रदर्शन देश की समग्र आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना गया. नियंत्रक और महालेखा परीक्षक के डेटा का उपयोग इस रैंकिग के लिए किया गया. जिन पांच उप-सूचकांकों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें व्यय की गुणवत्ता, राजस्व जुटाना, राजकोषीय विवेक, ऋण सूचकांक और ऋण स्थिरता शामिल हैं. इसके अलावा, पांच प्रमुख उप-सूचकांकों राज्य-विशिष्ट राजकोषीय स्वास्थ्य मुद्दों को सामने लाने के लिए एक व्यापक राज्यवार विश्लेषण रिपोर्ट तैयार की गई.

5 राज्यों का उच्च प्रदर्शन

रैंकिग में शीर्ष पांच उच्च प्रदर्शन करने वाले राज्य ओडिशा, छत्तीसगढ़, गोवा, झारखंड और गुजरात हैं. जबकि आकांक्षी पाँच राज्य हरियाणा, केरल, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और पंजाब हैं. हालांकि, पांच उप-श्रेणियों में राज्यों का प्रदर्शन अलग-अलग है. उदाहरण के लिए, उत्तर प्रदेश और बिहार का व्यय की गुणवत्ता के तहत अच्छा स्कोर है, लेकिन वे राजस्व जुटाने के मामले में निचले स्थान पर हैं.

छत्तीसगढ़ ने कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ा

रैंकिंग में छत्तीसगढ़ ने गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश जैसे कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ दिया है. 2022-23 की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ को 55.2 अंक प्राप्त हुए. इसमें व्यय की गुणवत्ता सूचकांक में 55.1, राजस्व जुटाना में 56.5, राजकोषीय विवेक में 56.0, ऋण सूचकांक में 79.6 और ऋण स्थिरता में 29.0 अंक मिले . छत्तीसगढ़ व्यय की गुणवत्ता में एचीवर श्रेणी में रहा, जबकि राजस्व जुटाने में फ्रंट रनर की श्रेणी में रहा. छत्तीसगढ़ 2020-21 से 2022-23 तक लगातार दूसरे नंबर पर बना हुआ है.