Special Story

सांसद बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ राज्य कार्यकारिणी बैठक संपन्न

सांसद बृजमोहन अग्रवाल की अध्यक्षता में भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ राज्य कार्यकारिणी बैठक संपन्न

ShivApr 16, 20253 min read

रायपुर। भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ की राज्य कार्यकारिणी की…

प्रोफेसर विजय कुमार गोयल बने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नए अध्यक्ष, आदेश जारी …

प्रोफेसर विजय कुमार गोयल बने छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के नए अध्यक्ष, आदेश जारी …

ShivApr 16, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में निजी विश्वविद्यालयों के संचालन और निगरानी के लिए…

April 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ सरकार आत्मसमर्पित नक्सलियों को देगी शिक्षा, रोजगार और वित्तीय सहायता

रायपुर।    छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल क्षेत्रों में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत एवं पुनर्वास नीति 2025 लागू की है। इस नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले सक्रिय ईनामी नक्सलियों और उनके परिवारजनों को शिक्षा, रोजगार एवं वित्तीय सहायता जैसी कई महत्वपूर्ण सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

सरकारी सेवा में नियुक्ति का प्रावधान

यदि किसी आत्मसमर्पित नक्सली ने नक्सलियों के विरुद्ध अभियान में पुलिस को विशेष सहयोग दिया है और इसके कारण उसकी जान व संपत्ति को खतरा उत्पन्न हुआ है, तो ऐसे प्रकरणों में उसे पुलिस विभाग के आरक्षक या समकक्ष पद पर नियुक्त किया जा सकेगा। अन्य विभागों में नियुक्ति हेतु जिला स्तरीय समिति की अनुशंसा आवश्यक होगी। साथ ही, 5 लाख रूपए या उससे अधिक के ईनामी नक्सली के आत्मसमर्पण की स्थिति में, पात्रता रखने पर नक्सली अथवा उसके परिवार के किसी एक सदस्य को शासकीय सेवा में नियुक्ति का अवसर दिया जाएगा। यदि किसी कारणवश सेवा नहीं दी जा सकती, तो ऐसे आत्मसमर्पित को एकमुश्त 10 लाख की राशि सावधि जमा के रूप में दी जाएगी। यह राशि 3 वर्षों के अच्छे आचरण के पश्चात एकमुश्त हस्तांतरित की जाएगी।

शिक्षा एवं छात्रवृत्ति की विशेष व्यवस्था

छत्तीसगढ़ सरकार ने आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके बच्चों की शिक्षा के लिए भी व्यापक प्रावधान किए हैं। बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक निःशुल्क एवं प्राथमिकता आधारित शिक्षा शासकीय एवं आवासीय विद्यालयों में दी जाएगी। छात्रावास की सुविधा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रदान की जाएगी। यदि आत्मसमर्पित नक्सली या उनके बच्चे निजी शिक्षण संस्थानों में पढ़ना चाहें, तो उन्हें शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आरक्षित सीट में प्रवेश एवं अनुदान राशि प्रदान की जाएगी।

इच्छुक आत्मसमर्पित स्वयं भी शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं, जिसके लिए संबंधित विभागों की योजनाओं के अंतर्गत सहायता दी जाएगी। यह नई नीति राज्य में शांति एवं विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे न केवल आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि उनके परिवारजनों के भविष्य को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।