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स्व-सहायता समूह से बहनों के जीवन में नए सूर्य का हुआ उदय : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivApr 9, 20255 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व-सहायता समूह…

ग्लोबल स्किल पार्क की सभी सीटें भरी जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivApr 9, 20252 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्लोबल…

छत्तीसगढ़ का सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल हुआ पेश, लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा- सामाजिक न्याय हर व्यक्ति तक पहुँचा

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ShivApr 9, 20253 min read

रायपुर।   समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने देहरादून में आयोजित…

भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प, दोनों पक्ष के सैकड़ों लोग पहुंचे थाने

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ShivApr 9, 20252 min read

जगदलपुर। शहर में देर शाम भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं…

April 10, 2025

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छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला: पूर्व IAS रानू साहू की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट की सिंगल बेंच का फैसला

बिलासपुर।    छत्तीसगढ़ कोयला घोटाला मामले में पूर्व आईएएस रानू साहू की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हाईकोर्ट ने उनकी 2 अग्रिम जमानत याचिका का सुरक्षित फैसला शुक्रवार को सुनाया. जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की सिंगल बेंच ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई में रानू साहू की जमानत याचिका खारिज कर दी है.

बता दें, रानू साहू कोल लेवी घोटाले मामले में रायपुर के सेंट्रल जेल में बंद हैं. उनपर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) और 13(1)(बी) और आईपीसी की धारा 120बी और 420 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 12 के तहत दो अलग- अलग मामले दर्ज हैं. इनमें संभावित गिरफ्तारी से बचने के लिए उनके वकील द्वारा 2 जमानत याचिकाएं लगाई गई थीं, जिन पर 31 जनवरी 2025 को फैसला सुरक्षित रखा गया था. फिलहाल कोर्ट ने उन्हे राहत देने से इंकार कर दिया है.

पूर्व आईएएस रानू साहू के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा में दर्ज शिकायत के अनुसार, उनपर आरोप है कि उनके और उसके परिवार के पास आय से अधिक संपत्ति है. साथ ही, उसने सूर्यकांत तिवारी के कोयला लेवी सिंडिकेट की मदद की. यह सिंडिकेट कोयला डिलीवरी ऑर्डर पर परमिट जारी करने के लिए प्रति टन 25 रुपए की अवैध वसूली करता था. शिकायत में कहा गया कि 2015 से अक्टूबर 2022 तक आवेदक और उसके परिवार ने 24 अचल संपत्तियां खरीदीं. 2011 से 2022 तक उसे वेतन के रूप में 92 लाख रुपए मिले, जबकि उसने 3.93 करोड़ रुपए की संपत्तियां खरीदीं. इस आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई.  इसके अलावा एक अन्य मामला भी दर्ज कराया गया है.

जानिए क्या है कोयला घोटाला मामला:

छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी में 570 करोड़ रुपये की अवैध कोल लेवी वसूली का खुलासा हुआ था. ईडी का दावा है कि खनिज विभाग के तत्कालीन संचालक आईएएस समीर बिश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को आदेश जारी कर कोल परिवहन में ऑनलाइन परमिट को ऑफलाइन कर दिया था, जिससे व्यापारियों से वसूली की जा सके. वहीं इस घोटाले का मास्टरमाइंड कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी को माना गया है, जिसपर ED के अनुसार निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया का हाथ था.

ईडी के मुताबिक सूर्यकांत तिवारी ने 25 रुपये प्रति टन के हिसाब से अवैध रकम वसूलने के लिए एक सिंडिकेट बनाया था. व्यापारियों से अवैध रकम वसूलने के बाद ही उन्हें खनिज विभाग से पीट पास और परिवहन पास जारी किए जाते थे. इस मामले की जांच जारी है और संबंधित अधिकारियों एवं व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.