Special Story

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के…

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

June 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ सड़क सुरक्षा में आदर्श राज्य बने, सड़क सुरक्षा परिदृश्य संबंधित समीक्षा बैठक सम्पन्न

रायपुर। न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की अध्यक्षता में तथा मुख्य सचिव अमिताभ जैन की मौजूदगी में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में सड़क सुरक्षा के संबंध में छत्तीसगढ़ राज्य सड़क सुरक्षा परिदृश्य के संबंध में समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ में सड़क सुरक्षा के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तार से समीक्षा की गई। न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने छत्तीसगढ़ राज्य को सड़क सुरक्षा के मामले में आदर्श राज्य बनने की बात कही। देश में प्रतिदिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को उन्होंने चिंताजनक बताया। उन्होंने अधिकारियों को सुगम यातायात प्रबंधन के संबंध में सभी जरूरी कार्य करने कहा है।

बैठक में न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने देश में प्रतिदिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की मृत्यु पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाएं नहीं हो इसके लिए समुचित प्रयास किए जाने चाहिए। जापान, जर्मनी, चीन इत्यादि देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों में लाखों सड़क दुर्घटनाएं होने के बावजूद मरने वालों की संख्या बहुत कम होती है। इन देशों की सुगम यातायात प्रबंधन संबंधी अपनाये गये तरीकों का अनुशरण करने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि कॉमन मेन की पीड़ा को हमें समझना होगा। जिस परिवार के सदस्य की मृत्यु सड़क दुर्घटना में होती है, इसकी पीड़ा को वही परिवार समझ सकता है। उन्होंने कहा कि ट्रक, बस, कार, बाईक, ई-रिक्शा के चालक यातायात के नियमों का पालन करते हुए वाहन चलाएं। कभी भी तेज रफ्तार, शराब सेवन कर वाहन ना चलायें। उन्होंने बाईक चलाते समय हेलमेट एवं कार चलाते समय सीटबेल्ट लगाने पर जोर देते हुए इसे व्यवहार में भी अपनाने की बात कही। छत्तीसगढ़ राज्य में स्कूली पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा संबंधी पाठ्यक्रम को शामिल करने को एक अच्छा कदम बताया। शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण, नगरीय प्रशासन तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रदेश में सड़क सुरक्षा संबंधी किये जा रहे सुगम यातायात एवं जन-जागरूकता संबंधी संपादित कार्याे पर संतोष व्यक्त किया। सड़क सुरक्षा को लेकर प्रदेश में किये जा रहे उत्साहजनक कार्याे को सतत् रूप से जारी रखने तथा संबंधित विभागीय कार्याे को उच्च प्राथमिकता के साथ कराने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा सड़क दुर्घनाओं के रोकथाम के लिये किये गये उपचारात्मक एवं संपादित कार्याे की समीक्षा की जाएगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि अधिकारी अपनी आत्म संतुष्टि के लिये भी सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य संपादित करें। न्यायमूर्ति ने सड़क सुरक्षा संबंधी विभागवार संपादित कार्याे की समीक्षा के दौरान ब्लैक स्पॉट्स एवं जंक्शन में तत्काल सुधारात्मक कार्यवाही समय-सीमा के भीतर करने के निर्देश दिये हैं।

बैठक में अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) के अध्यक्ष संजय शर्मा ने प्रस्तुतिकरण के जरिए अवगत कराया कि शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के पाठ्यक्रमों में सड़क सुरक्षा विषयक पाठों के परिमार्जन का कार्य पूर्ण हो चुका है, जिसे आगामी शिक्षा सत्र से लागू किया जाएगा। इसी क्रम में उन्होंने बताया कि प्रदेश में दोपहर 03 बजे से लेकर रात्रि 09 बजे के मध्य शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में अत्यधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। उक्त होने वाली दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहनों से सर्वाधिक मृत्यु होना पाया गया है। जिसकी प्रमुख वजह बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चलाना है। इस पर न्यायमूर्ति ने सर्वाधिक दुर्घटनाजन्य 07 जिलों क्रमशः रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा, बलौदाबाजार एवं राजनांदगांव पर केन्द्रित होकर उक्त जिलों में घटित दुर्घटनाओं के कारणों की सतत् रूप से समीक्षा की जाकर उसके निदान तथा सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों के समय पर उपचार हेतु प्रदेश के अपूर्ण ट्रामा सेंटरों के कार्यों को शीघ्र ही पूर्ण करने के निर्देश दिये है। प्रदेश में सड़क सुरक्षा हेतु सतत् रूप से किये गये कार्यों की वजह से प्रदेश में माह जनवरी 2023 की तुलना में माह जनवरी 2024 के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में कमी आयी है। सड़क दुर्घटना में मृत्यु और घायलों की संख्या में भी काफी कमी परिलक्षित हुई है। बैठक में सचिव एवं सह-आयुक्त परिवहन एस. प्रकाश, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव राजेश सिंह राणा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यातायात), प्रदीप गुप्ता, कमिश्नर रायपुर डॉ. संजय अलंग सहित स्कूल शिक्षा विभाग, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, परिवहन, सामान्य प्रशासन, पुलिस, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।