छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : शून्यकाल में उठा कानून-व्यवस्था का मुद्दा, विपक्ष ने की चर्चा की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को शून्यकाल में कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष स्थगन लाते हुए चर्चा की मांग की. आसंदी के अग्राह्य करते ही कांग्रेस विधायक गर्भ गृह में पहुंचकर नारेबाजी करना शुरू कर दिया. इस पर आसंदी ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों को निलंबित किया.
शून्यकाल में कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शांति का टापू छत्तीसगढ़ अशांति का टापू बन गया है. पूरे प्रदेश में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. इस पर चर्चा के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ. पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी हुई. स्थगन की ग्राह्यता पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों नारेबाजी करते हुए गर्भ गृह में आ गए. समझाने के बाद भी शांत नहीं होने पर आसंदी ने नारेबाजी करने वाले सदस्यों को निलंबित कर दिया.
सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा कि लगातार हमारे विधायकों के खिलाफ एफआईआर हो जाते हैं. सारंगढ़ में एक विधायक के खिलाफ एफआईआर हो जाता है. उसके 10 दिन पहले उनके पति के खिलाफ एफआईआर हो जाता है. लगातार भाजपा कांग्रेस के विधायकों के खिलाफ, वो भी खासतौर पर सतनामी विधायकों के खिलाफ, एफआईआर क्यों कर रही है. अपराधियों के खिलाफ ये एफआईआर नहीं करते हैं.
विपक्ष ने भाजपा के मन में सतनामी समाज के प्रति द्वेष भावना का आरोप लगाया. इस दौरान विपक्षी दल के सदस्य लगातार जय भीम, जय सतनाम के नारे लगाते रहे. विपक्ष के सदस्य कानून व्यवस्था को लचर बताया. सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा संसद में की गई धक्का-मुक्की का जिक्र किया. राहुल गांधी को लेकर बयान पर जोरदार हंगामा मचा. विपक्ष ने भी जमकर नारेबाजी की. इस पर आसंदी ने कहा कि सदन के सदस्य नहीं हैं, उनके ऊपर लगाए गए आरोप के नाम को विलोपित किया.