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सामूहिक विवाह कार्यक्रमों को दें रचनात्मक स्वरूप – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 7, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सामूहिक…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सरगुजा सांसद और सरगुजा संभाग के सभी विधायकों की ली बड़ी बैठक

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ShivJan 7, 20252 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में…

शिक्षा विभाग ट्रांसफर: शिक्षा विभाग ने प्रशासनिक आधार पर किया तबादला

शिक्षा विभाग ट्रांसफर: शिक्षा विभाग ने प्रशासनिक आधार पर किया तबादला

ShivJan 7, 20251 min read

रायपुर। शिक्षा विभाग में तबादलों का दौर जारी है। शिक्षक,…

January 8, 2025

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छत्तीसगढ़ विधानसभा शीतकालीन सत्र : चार सत्रों के हंगामे के बाद अनिश्चितकाल तक के लिए सदन स्थगित

रायपुर।     छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त हो गया। इस बार पूरा सत्र काफी गहमागहमी से भरा रहा। 16 दिसंबर से 20 दिसंबर के दौरान सत्र में कई मुद्दों पर जांच के आदेश भी सरकार की तरफ से दिये गये।आज सत्र के आखिरी दिन आदिवासी बच्चों की मौत का मामला उठा। वहीं ध्यानाकर्षण में दवा खरीदी में गड़बड़ी की गूंज सुनायी पड़ी। शीतसत्र के आखिरी दिन आश्रम और छात्रावासों में बच्चों की मौत को लेकर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। कवासी लखमा ने कहा कि छात्रावास में भूख से भी बच्चों की मौत हुई है।

भूपेश बघेल ने लॉ एंड ऑर्डर पर स्थगन प्रस्ताव लाकर बिगड़ते कानून व्यवस्था पर चर्चा कराने की मांग की। प्रदेश में लगातार आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे लोग डरे-सहमे हैं। अपराधियों के हौसले बढ़े हुए है। चाकूबाजी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। पुलिस के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। कस्टोडियल डेथ भी हुए हैं। वहीं चरणदास महंत ने कहा कि इस सरकार में आम लोग परेशान है तो वहीं, चोर, अपराधी, भ्रष्टाचारी सुखी हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने की डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल की तारीफ करते हुए कहा कि  आपके 15 साल में भी ऐसी घटनाएं कभी नहीं हुई। 15 साल में हत्या, लूट की घटनाएं नहीं होती थी,बाहर से आकर किसी की गोली चलाने की हिम्मत नहीं थी। 1 साल में घटनाएं लगातार बढ़ी है, इस पर चर्चा होनी चाहिए।

विपक्ष के स्थगन पर आसंदी ने मंत्री से जवाब मांगा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने सदन में वक्तव्य देते हुए बताया कि अपराध की घटनाओं को रोकने में सरकार गंभीर है। प्रदेश में हुई घटनाओं में कार्रवाई का ब्यौरा दिया। मंत्री के वक्तव्य के बाद स्थगन अग्राह्य कर दिया गया। स्थगन प्रस्ताव अग्राह्य होते ही गर्भगृह में विपक्षी सदस्य आ गये। विपक्षी विधायकों ने गर्भगृह में नारे लगाये।