Special Story

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने महतारी सिलाई केंद्र का किया शुभारंभ

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने महतारी सिलाई केंद्र का किया शुभारंभ

ShivApr 20, 20252 min read

रायपुर।  उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण…

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

ShivApr 20, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने रविवार को राजधानी रायपुर…

कांग्रेस विधायक के पीएसओ ने सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, आत्महत्या का कारण अज्ञात…

कांग्रेस विधायक के पीएसओ ने सर्विस राइफल से खुद को मारी गोली, आत्महत्या का कारण अज्ञात…

ShivApr 20, 20251 min read

बलौदाबाजार। भाटापारा कांग्रेस विधायक इंद्र साव की सुरक्षा में तैनात…

नौवीं की छात्रा से दुष्कर्म, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, शिक्षक समेत एक अन्य पर FIR दर्ज

नौवीं की छात्रा से दुष्कर्म, गर्भवती होने पर हुआ खुलासा, शिक्षक समेत एक अन्य पर FIR दर्ज

ShivApr 20, 20251 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। स्कूल में मानवता को शर्मसार करने वाला एक सनसनीखेज…

April 20, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बस्तर की बदलती तस्वीर: लाल आतंक से मुक्ति चाहते हैं ग्रामीण, CAF कैंप को बरकरार रखने की कर रहे मांग

कांकेर।      छत्तीसगढ़ के कोर नक्सल क्षेत्र बस्तर से एक सकारात्मक और उम्मीद जगाने वाली तस्वीर सामने आई है. आपने अक्सर बस्तर के अंदरूनी इलाके में सुरक्षाबलों के जवानों के कैम्प का ग्रामीणों के विरोध की खबर सुनी होगी. लेकिन इसी बस्तर संभाग के कांकेर जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर लोहत्तर थाना क्षेत्र के जाड़ेकुर्सी गांव से एक अलग तस्वीर निकलकर सामने आई है. यहां ग्रामीणों ने सीएएफ (CAF) कैम्प के वापस जाने का विरोध कर रहे हैं.

बता दें, सीएएफ कैंप के वापस जाने की सूचना मिलने पर पूरा गांव एकजुट होकर कैंप के सामने बैठ गया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. ग्रामीणों ने रात भर कैंप के बाहर भोजन भी पकाया और अपनी मांग को लेकर आवाज उठाई. उन्होंने इस संबंध में सांसद को पत्र भी लिखा, जिसमें कैंप को यथावत रखने की अपील की गई है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर कैम्प को रोका नहीं गया तो वे पूरे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे. 

लाल आतंक का भय 

ग्रामीणों का कहना है कि यदि सीएएफ कैंप वापस चला गया तो क्षेत्र में फिर से नक्सलियों का आतंक बढ़ सकता है, जैसा कि पहले हुआ करता था. उनका कहना है कि कैंप की मौजूदगी से न केवल सुरक्षा सुनिश्चित हुई है, बल्कि ग्रामीणों को डर और भय से मुक्त होने का मौका मिला है. 

कैंप से क्षेत्र में आया विकास 

ग्रामीणों के अनुसार, सीएएफ कैंप के खुलने से इस क्षेत्र में न केवल सुरक्षा बढ़ी, बल्कि विकास भी हुआ है. गांव के लोग अब स्वतंत्र रूप से अपनी रोज़ी-रोटी कमा रहे हैं, सड़कों का निर्माण हुआ है, और युवा सेना तथा पुलिस में भर्ती हो रहे हैं. इसके साथ ही क्षेत्र में बदलाव आया है, जिससे लोग खुशहाल महसूस कर रहे हैं.

ग्रामीणों का मानना है कि सीएएफ कैंप की मौजूदगी से उनके जीवन में सुधार आया है और उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उनका जीवन सुरक्षित और स्वतंत्र रहे. उनका मुख्य उद्देश्य यही है कि इलाके में नक्सलियों का फिर से डर न लौटे, और विकास की प्रक्रिया रुकने न पाए.  यह घटना बस्तर के भीतर एक नई तस्वीर पेश करती है, जहां सुरक्षा बलों के कैंप को लेकर भय के बजाय विकास और खुशहाली का संदेश है.