Special Story

51 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा पथरिया बायपास : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

51 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा पथरिया बायपास : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 27, 20253 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री…

देश के दिल मध्यप्रदेश में पर्यटन के स्वर्ण युग का हुआ आरंभ : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

देश के दिल मध्यप्रदेश में पर्यटन के स्वर्ण युग का हुआ आरंभ : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 27, 20253 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हिंदुस्तान…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दंगवाड़ा में की बोरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दंगवाड़ा में की बोरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना

ShivFeb 27, 20251 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सपत्नीक चंबल नदी तट पर…

राइस मिल में बड़ा हादसा, लोहे की पाइप गिरने से मजदूर की मौत

राइस मिल में बड़ा हादसा, लोहे की पाइप गिरने से मजदूर की मौत

ShivFeb 27, 20252 min read

धमतरी। जिले के नवागांव खुर्द स्थित साईं एग्रोटेक राइस मिल में…

February 27, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती, डिवीजन बेंच में लगाई याचिका, सुनवाई के दौरान इस बात पर हैरान हुए चीफ जस्टिस, कही ये बात…

बिलासपुर।    एक मामले में पेश वकालतनामे में पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर देखकर चीफ जस्टिस उस वक्त चौंक गए, जब एक अधिवक्ता ने पैरवी करने के लिए और समय की मांग कर दी. सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के लिए लगी थी. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद याचिकाकर्ता के पांच में से एक अधिवक्ता ने पैरवी के लिए समय की मांग कर दी. अधिवक्ता द्वारा समय की मांग किए जाने से नाराज चीफ जस्टिस ने बार कौंसिल आफ इंडिया से कोर्ट में पैरवी के संंबंध में मापदंड तय करने और नियम बनाने कहा है. डिवीजन बेंच ने बीसीआई को मामला रेफर करने और इस पर गाइडलाइन जारी करने की बात कही है.

दरअसल सूरजपुर जिले के निवासी अंर्तध्यानी यादव व अन्य ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका लगाई है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के एक अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच से पैरवी के लिए समय की मांग कर दी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि डिवीजन बेंच ने केस के संबंध में अपनी तैयारी पूरी कर ली है. पैरवी करने के बजाय एनवक्त पर अगली तारीख की मांग करना उचित नहीं है. इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि जिसे पैरवी करना है वह आज उपस्थित नहीं हो पाए हैं.

अधिवक्ता के जवाब के बाद जब चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता द्वारा पेश फाइल की पड़ताल की तब यह देखकर हैरान हो गए कि उसमें पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं. चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित अधिवक्ता से पूछा कि जब हलफनामे में पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं तो फिर सिर्फ एक अधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण क्यों अगली तारीख मांगी जा रही है. न्यायालयों में पेंडेंसी की मुख्य वजह सुनवाई के दिन कोर्ट में अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी भी है. आंकड़ों के मुताबिक वकीलों की अनुपस्थिति के कारण प्रदेश में करीब 46 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं.