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ड्रंक एंड ड्राइव करने वाले वाहन चालकों पर रायपुर पुलिस द्वारा की जा रही सख्त कार्यवाही

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ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर। पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर डॉ.…

अंबेडकर की प्रतिमा पर असामाजिक तत्वों ने पोती मिट्टी, मचा बवाल

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ShivJun 9, 20252 min read

रायगढ़। चक्रधर नगर थाने और कलेक्ट्रेट करीब अंबेडकर चौक में…

प्रदेश में नशीली दवाओं के खिलाफ चल रही मुहिम तेज, 25 मेडिकल स्टोरों की लाइसेंस निरस्त…

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ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर। प्रदेश में नशीली दवाइयों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने…

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भव्य एवं धूमधाम से मनाया जायेगा “रथयात्रा महोत्सव” : पुरन्दर मिश्रा

ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी रायपुर…

June 10, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती, डिवीजन बेंच में लगाई याचिका, सुनवाई के दौरान इस बात पर हैरान हुए चीफ जस्टिस, कही ये बात…

बिलासपुर।    एक मामले में पेश वकालतनामे में पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर देखकर चीफ जस्टिस उस वक्त चौंक गए, जब एक अधिवक्ता ने पैरवी करने के लिए और समय की मांग कर दी. सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई के लिए लगी थी. मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में मौजूद याचिकाकर्ता के पांच में से एक अधिवक्ता ने पैरवी के लिए समय की मांग कर दी. अधिवक्ता द्वारा समय की मांग किए जाने से नाराज चीफ जस्टिस ने बार कौंसिल आफ इंडिया से कोर्ट में पैरवी के संंबंध में मापदंड तय करने और नियम बनाने कहा है. डिवीजन बेंच ने बीसीआई को मामला रेफर करने और इस पर गाइडलाइन जारी करने की बात कही है.

दरअसल सूरजपुर जिले के निवासी अंर्तध्यानी यादव व अन्य ने सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका लगाई है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के एक अधिवक्ता ने डिवीजन बेंच से पैरवी के लिए समय की मांग कर दी. इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि डिवीजन बेंच ने केस के संबंध में अपनी तैयारी पूरी कर ली है. पैरवी करने के बजाय एनवक्त पर अगली तारीख की मांग करना उचित नहीं है. इस पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि जिसे पैरवी करना है वह आज उपस्थित नहीं हो पाए हैं.

अधिवक्ता के जवाब के बाद जब चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता द्वारा पेश फाइल की पड़ताल की तब यह देखकर हैरान हो गए कि उसमें पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं. चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता की ओर से उपस्थित अधिवक्ता से पूछा कि जब हलफनामे में पांच अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर हैं तो फिर सिर्फ एक अधिवक्ता की अनुपस्थिति के कारण क्यों अगली तारीख मांगी जा रही है. न्यायालयों में पेंडेंसी की मुख्य वजह सुनवाई के दिन कोर्ट में अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी भी है. आंकड़ों के मुताबिक वकीलों की अनुपस्थिति के कारण प्रदेश में करीब 46 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हैं.