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औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 22, 20257 min read

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रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

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मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

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रायपुर। मतदाताओं को जागरुक करना. मतदान के लिए प्रेरित करना.…

January 22, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

महिला आयोग की अध्यक्ष ने की जनसुनवाई, सखी सेंटर में पदस्थ प्रशासिका को किया गया निष्कासित

रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने 2 फरवरी को महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की. इस दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने अपने पति की ओर से अन्य महिला से बिना तलाक लिए विवाह करने के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. आवेदिका ने बताया कि दूसरी महिला केन्द्र प्रशासिका सखी सेंटर जिला कोण्डागांव में पदस्थ है. वह यह जानती है कि वो जिससे शादी करने जा रही वह (आवेदिका का पति) शादीशुदा है और तलाक भी नहीं हुआ है. इसके बावजूद आवेदिका के पति के साथ उसने मंदिर में शादी कर ली है. आवेदिका ने बताया कि इस बात की गवाह वह स्वयं है.

आयोग ने सभी बातों को सुनने के बाद यह पाया कि आवेदिका की शिकायत सही है. आयोग ने कहा कि, इस स्तर पर दूसरा विवाह अवैध और शून्य है. आयोग की अध्यक्ष ने महिला बाल विकास विभाग के सचिव को सभी दस्तावेज की जानकारी देते हुए यह निर्देश दिया था कि दूसरी महिला जो सखी सेंटर की केन्द्र प्रशासिका है, जिसके मामले की विभागीय जांच करें और प्रकिया पूर्ण हो जाने पर महिला को केन्द्र प्रशासिका के पद से निष्कासित किया जाए. इसके बाद पूरी कार्रवाई की जांच का प्रतिवेदन सहित आयोग को सूचित किया जाए. इस प्रकरण का जांच करने के बाद यह जानकारी आयोग को प्राप्त हुई की अनावेदिका केन्द्र प्रशासिका सखी सेंटर पर लगे आरोप सही है. इन आरोपों से स्पष्ट है कि अनावेदिका अपने कार्य में रहते हुए एक प्रताड़ित महिला को सहारा प्रदान करने के बजाय प्रताड़ना में सहयोग कर रही थी. इस निर्देश के साथ अनावेदिका को केन्द्र प्रशासक कोण्डागांव कॉन्ट्रैक्ट अनुबंध बेस की भर्ती से निष्कासित किया गया. इसके बाद आयोग ने प्रकरण खत्म कर दिया गया.

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका से व्याख्याता के पद पर कार्य लिया जा रहा था. बाद में व्याख्याता पदों पर नियुक्ति आ जाने पर सेटअप से अतिरिक्त व्यक्ति का वेतन निकाला जाना संभव नहीं था, इसलिए शाला में आवेदिका को पढ़ाने नहीं दिया गया और वेतन भी रोक दिया गया. आवेदिका विगत 9 वर्षों से अस्थाई रूप व्याख्याता के पद पर कार्यरत थी. अनावेदक ने आयोग में प्रस्ताव दिया कि जिस स्थान पर पर रिक्त है वहां पर आवेदिका को अटैच कर सकते हैं. इस प्रस्ताव पर आवेदिका सहमत है. आयोग में दिए गए प्रस्ताव के आधार पर आवेदिका को रिक्त पद पर अटैच करने के बाद इस बात की सूचना आयोग को दी जाएगी. सूचना दिए जाने पर प्रकरण समाप्त किया जाएगा.

कार्यालय संयुक्त संचालक बस्तर से सूचना मिली कि आवेदिका को प्रधान अध्यापक, पूर्व माध्यमिक शाला के पद पर दायित्व निर्वहन करने के लिए आदेशित किया गया और आवेदिका के वेतन की व्यवस्था वर्तमान में प्रचलित व्यवस्था अनुसार विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय केशकाल में निरंतर रहेगा. आयोग को इस आदेश की सूचना मिलने के बाद प्रकरण खत्म किया गया.