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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय…

जातिगत जनगणना पर केंद्र सरकार के निर्णय का सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया स्वागत

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ…

तबादलों को लेकर ACS की अगुवाई में बनी कमेटी, IAS मनोज पिंगुआ बनाए गए अध्यक्ष

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  राज्य में तबादलों का दौर शुरू होने वाला है।…

रायपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर होंगे शिफ्ट, 18 जून से नए स्थान से मिलेगा टिकट

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर रेल मंडल द्वारा रायपुर रेलवे…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न

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ShivJun 16, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय…

June 17, 2025

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CGPSC पेपर लीक मामला : डिप्टी कलेक्टर शशांक गोयल और भूमिका कटियार की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने कहा- यह हत्या से भी बड़ा अपराध

बिलासपुर।  हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (PSC) की राज्य सेवा परीक्षा 2021 में पेपर लीक मामले में डिप्टी कलेक्टर बने शशांक गोयल और भूमिका कटियार की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. सुनवाई जस्टिस विभू दत्त गुरु की सिंगल बेंच में हुई.

बता दें कि दोनों को सीबीआई ने 6 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया था. उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि पेपर लीक करना लाखों युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है. यह हत्या से भी बड़ा अपराध है. आरोपी ‘फसल को खा जाने वाली बाड़’ का उदाहरण हैं.

दरअसल, छत्तीसगढ़ पीएससी की 2020-2022 की भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी. इस मामले को राज्य सरकार ने सीबीआई को सौंपा था. मामले में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी पर अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप है. सोनवानी के करीबी रहे रायपुर के उद्याेगपति श्रवण गोयल के बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ था. गोयल बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड के डायरेक्टर है. उन्होंने अपनी कंपनी से सीएसआर फंड के तहत ग्रामीण विकास समिति नामक एनजीओ को दो बार में 45 लाख रुपये दिए. एनजीओ की अध्यक्ष सोनवानी की पत्नी, सचिव भाई और सदस्य भतीजा है.

सीबीआई के अनुसार, यह राशि पीएससी की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा से पहले दी गई. इसके बदले में परीक्षा के प्रश्नपत्र दिए गए, जिसे उन्होंने अपने बेटे और बहू को उपलब्ध कराया. दोनों ने इन्हीं प्रश्नपत्रों के आधार पर परीक्षा पास की और डिप्टी कलेक्टर बने. सीबीआई की जांच में सामने आया कि सोनवानी के कहने पर उप नियंत्रक ने प्रश्नपत्र ए-2 को दिए. सोनवानी के भाई अनिल सोनवानी ने यह बात अपने बयान में कही. उसने यह भी स्वीकार किया कि एनजीओ को 2 मार्च 2022 और 18 मई 2022 को क्रमशः 20 लाख और 25 लाख रुपये मिले.