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विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

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ShivJan 21, 20253 min read

रायपुर।     उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज राजधानी रायपुर के…

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

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ShivJan 21, 20251 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण मिश्रा के…

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

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ShivJan 21, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन की…

January 22, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

CEO को टिकट के लिए आवेदन देना पड़ गया भारी, महाप्रबंधक ने कर दिया निलंबित, हाईकोर्ट ने निलंबन आदेश किया निरस्त

बिलासपुर। दुर्ग के जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की ओर से आवेदन करने पर निलंबित कर दिया गया था। निलबंन को लेकर लगाई गई याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने निलंबन को निरस्त कर दिया।

दरअसल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुरेंद्र कुमार जोशी ने विधानसभा चुनाव के दौरान ब्लॉक कांग्रेस कमेटी में अहिवारा विधानसभा चुनाव के लिए आवेदन दिया था।इसके बाद उसके आवेदन को लेकर कलेक्टर और मुख्य निर्वाचन कार्यालय दिल्ली में शिकायत की गई थी। शिकायत के आधार पर अप्रैल में मामले की जांच शुरू हुई। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण के नियम 1961 के तहत कलेक्टर ने एक जांच समिति का गठन​ किया। जांच समिति में जिला पंचायत सीईओ, जनपद पंचायत सीईओ और दुर्ग नगर निगम आयुक्त शामिल थे। कमेटी ने आवेदन के आधार सस्पेंड करने की अनुशंसा की। 30 अप्रैल को कलेक्टर ने रिपोर्ट सहकारिता विभाग के सचिव को सौंपी। सचिव ने रिपोर्ट अपेक्स बैंक के महाप्रबंधक को भेजी, जिसके बाद महाप्रबंधक ने उन्हें निलंबित कर दिया।

इसके बाद अधिवक्ता शैलेंद्र बाजपेई के माध्यम से सुरेंद्र कुमार जोशी ने इस निलंबन के आदेश चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि चूंकि सुरेंद्र कुमार जोशी भी महाप्रबंधक लेवल के अधिकारी है और जिले में पदस्थ है इसलिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी है। उनका तो उनका निलंबन आदेश या तो चेयरमैन कर सकते हैं या रजिस्ट्रार को ऑपरेटिव सोसाइटी कर सकते हैं। लेकिन उनके बगैर अनुमति के महाप्रबंधक ने निलंबन आदेश जारी कर दिया। याचिका 5 मई 2024 को लगाई गई थी। 5 अगस्त को सुनवाई के दौरान याचिका को सुरक्षित रख लिया गया था। आज इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद महाप्रबंधक के निलंबन आदेश को निरस्त कर दिया।