Special Story

माओवादियों की पांचवीं शांति वार्ता की अपील पर गृहमंत्री विजय शर्मा का तीखा जवाब

माओवादियों की पांचवीं शांति वार्ता की अपील पर गृहमंत्री विजय शर्मा का तीखा जवाब

ShivMay 15, 20253 min read

रायपुर।  माओवादी संगठन की ओर से शांति वार्ता की पांचवीं…

May 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

CBI करेगी CGPSC भर्ती घोटाले की जांच, साय कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला…

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में सीजी पीएससी (CG PSC) में हुई भर्ती की जांच CBI को सौंपने का फैसला लिया गया है. चुनाव के दौरान भाजपा ने इस मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में स्थान दिया था, जिसे साय कैबिनेट पूरा कर दिया गया.

बता दें कि छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) का परिणाम सामने आते ही घोटाले के आरोप लगने लगे थे. CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी, राजभवन सेक्रेटरी अमृत खलको समेत कई अधिकारियों के बेटे-बेटियों और करीबी रिश्तेदारों को डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी पदों पर नियुक्ति देने के आरोप लगे हैं. मामले को लेकर पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है.

171 पदों के लिए हुई थी भर्ती परीक्षा

CGPSC परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया था. भर्ती के लिए कुल पद थे 171. परीक्षा का प्री एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया, जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए थे. मेंस एग्जाम में कुल 509 अभ्यर्थी पास हुए, जिन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ.

PSC चेयरमैन के करीबियों का चयन

फाइनल रिजल्ट के बाद मेरिट लिस्ट पर आपत्ति उठने लगी है. आरोप लगाए गए कि मेरिट लिस्ट में PSC चेयरमैन के रिश्तेदारों और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के करीबियों का सिलेक्शन हुआ है. प्रदेश के पूर्व बीजेपी नेता ननकी राम कंवर ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर भर्ती पर रोक लगाने की बात कही है..

भूपेश सरकार ने मांगा था सबूत

तत्कालीन भूपेश बघेल की सरकार ने पीएससी चयन सूची को लेकर आई आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सीबीआई जांच की मांग पर चयन सूची को लेकर सबूत मांगे थे. मामला कोर्ट में जाने के बाद भी भूपेश सरकार के स्टैंड में कोई परिवर्तन नहीं आया था.

बीजेपी ने घोषणा पत्र में किया शामिल

CGPSC की भर्ती परीक्षाओं में बीजेपी की तरफ से लगातार गड़बड़ी के दावे किए जाते रहे थे. यहां तक भाजपा ने इसे चुनाव में मुद्दा बनाते हुए घोषणा पत्र में सरकार बनने पर सीबीआई जांच कराने की बात कही थी. इसके साथ यूपीएससी की तर्ज पर प्रतियोगी परीक्षाएं कराने का वादा भी किया है.