Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 18, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

महिला पंचों की जगह पतियों के शपथ लेने का मामला : कांग्रेस ने निर्वाचन अधिकारी से की शिकायत, कहा- दोषियों पर हो कानूनी कार्रवाई

कबीरधाम।  छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में महिला पंचों की जगह पतियों के शपथ लेने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. महिला कांग्रेस ने इस मामले में कवर्धा जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंप कर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. मांगे पूरी नहीं होने पर राष्ट्रीय व्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है.

जिला निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधि मंडल में खुज्जी की पूर्व विधायक छन्नी साहू, पंडरिया की पूर्व विधायक ममता चंद्राकर, अखिल भारतीय महिला कांग्रेस राष्ट्रीय पर्यवेक्षक एवं बिहार प्रभारी प्रीति उपाध्याय शुक्ला और मयूरी सिंह शामिल थे.  

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस ने की ये मांगे :-

1. इस घटना की उच्च स्तरीय जाँच हो एवं दोषियों के विरुद्ध उचित कानूनी कार्यवाही हो. 

2. महिला जनप्रतिनिधियों को स्वतंत्र रूप से अपनी जिम्मेदारियां का निर्वहन करने दिया जाए, जिससे वह किसी प्रकार के सामाजिक दबाव में ना रहे. 

3. चुनाव आयोग और प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि भविष्य में इस प्रकार की घटना ना हो, इस हेतु आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया जाए. 

4. इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए देश में एक सख्त नीति बनाई जाए ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित न किया जा सके. 

जानिए क्या है पूरा मामला 

गौरतलब है कि पंडरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत परसवारा में सचिव की लापरवाही के चलते नवनिर्वाचित सरपंच और पंच के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में 6 महिला पंचों के स्थान पर उनके पतियों को शपथ दिलाई गई थी. स्थानीय लोगों और महिला पंचायत प्रतिनिधियों ने इस घटना की कड़ी आलोचना की थी. महिला पंचों ने कहा था कि यह न केवल उनके अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि इससे समाज में महिला की भूमिका को भी कमजोर करने की कोशिश की गई.