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बजट को लेकर बीजेपी ने जारी किया गया कार्टून पोस्टर

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ShivMar 4, 20252 min read

रायपुर।    विष्णुदेव सरकार के कार्यकाल का दूसरा बजट कल…

रेस्टोरेंट में जीएसटी का छापा, दस्तावेज खंगाल रही टीम

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ShivMar 4, 20251 min read

कवर्धा।   जीएसटी की टीम ने कवर्धा के बस स्टैंड स्थित…

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: बलौदाबाजार, तखतपुर, दंतेवाड़ा और गीदम जनपद पंचायत में भाजपा का कब्जा

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ShivMar 4, 20253 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद जनपद पंचायत…

बजट पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री अनुपस्थित, नाराज विपक्ष ने किया वॉकआउट

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ShivMar 4, 20251 min read

रायपुर। विधानसभा में मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान वित्त…

March 4, 2025

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कांग्रेस के पूर्व विधायक पर FIR का मामला गरमाया : प्रकाश नायक के सपोर्ट में आए किसान, एफआईआर पर जताई नाराजगी, आरोपों को बताया झूठा

रायगढ़। रायगढ़ जिले के पुसौर ब्लॉक स्थित ग्राम छिछोर उमरिया के धान खरीदी केंद्र में हंगामे को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक प्रकाश नायक के खिलाफ दर्ज एफआईआर का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. प्रकाश नायक के समर्थन में अब किसान भी आ गए हैं. किसानों ने एफआईआर दर्ज होने पर नाराजगी व्यक्त की है और उनका कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं, साथ ही पुलिस प्रशासन ने जानबूझकर उन्हें फंसाने की कोशिश की है.

क्षेत्र के किसानों ने पुसौर में एकत्रित होकर कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा पूर्व विधायक पर झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है. किसानों ने जानकारी दी कि जब से धान खरीदी शुरू हुई है, तब से पुसौर क्षेत्र के किसान छिछोर उमरिया धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों से परेशान हैं. इस मुद्दे को लेकर किसानों ने पूर्व विधायक को बुलाया और जब वह केंद्र पहुंचे और निरीक्षण किया, तो उन्होंने पाया कि निर्धारित वजन से अधिक धान तौला जा रहा था. इसका विरोध करते हुए पूर्व विधायक ने इसे सही ठहराया.

किसानों ने आगे बताया कि पूर्व विधायक पर धान खरीदी केंद्र के प्रभारी से मारपीट करने का जो आरोप लगाया गया है, वह गलत है. वहां एक दर्जन से अधिक किसान मौजूद थे और किसी भी प्रकार की मारपीट या हुज्जतबाजी नहीं हुई, बल्कि प्रभारी ने उल्टा पूर्व विधायक से बहसबाजी की थी.

यह मामला किसानों और प्रशासन के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है. पुसौर क्षेत्र के किसानों द्वारा पूर्व विधायक प्रकाश नायक को बुलाना यह स्पष्ट करता है कि तौल की गड़बड़ी के मुद्दे पर वे अपनी आवाज उठाना चाहते थे. किसानों का यह आरोप कि प्रशासन ने झूठी एफआईआर दर्ज की है, उनकी नाराजगी और असंतोष को दर्शाता है.