Special Story

शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

शिक्षा को अपनाए और नशे से दूर रहें: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज महासमुंद जिले के खल्लारी…

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार: तीन दिन में मिले तीन लाख से अधिक आवेदन, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

ShivApr 10, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन…

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

समाज की गौरवशाली विरासत को संजोए रखने की जरूरत : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

ShivApr 10, 20254 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज धमतरी जिले के…

April 11, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

20 गायों की मौत का मामला : विधायक रोहित साहू ने नगर पंचायत और पशु धन विभाग को ठहराया जिम्मेदार, जांच की मांग

गरियाबंद।  कोपरा स्थित गौ शाला में 20 से अधिक गायों की मौत के बाद प्रशासनिक लापरवाही और संस्थाओं पर आरोपों का मामला अब विधानसभा तक पहुंच चुका है. राजिम के विधायक रोहित साहू ने 18 मार्च को विधानसभा में इस गंभीर मुद्दे को उठाया और मामले की गहन जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि पशुधन विभाग की भारी लापरवाही के कारण शासन की छवि पर बुरा असर पड़ा है.

विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा

विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में रोहित साहू ने कहा कि कोपरा गौ शाला में गौ वंश की मौत के मामले में पशुधन विभाग की घोर लापरवाही सामने आई है. उन्होंने सवाल उठाया कि बिना पंजीकरण के गौ शाला कैसे चल रही थी और विभागीय अधिकारियों को अव्यवस्थाओं का क्यों ध्यान नहीं गया. उन्होंने तत्काल जांच की मांग की और कहा कि इस मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

नगरीय प्रशासन पर आरोप

उन्होंने इस घटना में नगर पंचायत को भी जिम्मेदार ठहराया गया है. संस्था ने आरोप लगाया कि नगर पंचायत ने बूढ़े और बीमार गायों को गौ शाला भेजकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया. स्थिति इतनी गंभीर हो गई थी कि जिनके खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की गई थी, उन्हें गौ शाला संचालकों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया. लेकिन इसके बावजूद प्रशासन पर कार्रवाई के बजाय केवल एनजीओ संचालकों पर दबाव बनाया गया.

गायों की मौत से मची हलचल

कोपरा गौ शाला में हुई गायों की मौत की घटना के बाद प्रशासन में हलचल मच गई थी. इस मामले को विहिप और बजरंग दल ने भी उठाया था, जिसके बाद 9 मार्च को एसडीएम विशाल महाराणा के नेतृत्व में जांच शुरू की गई. मामले में पशुधन विभाग और एनजीओ संचालकों को नोटिस जारी किया गया. 10 मार्च को सीएमओ नगर पंचायत कोपरा के लिखित पत्र के आधार पर पाण्डुका पुलिस ने एनजीओ संचालकों मनोज साहू और हलधर गोस्वामी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया. तीन दिन बाद दोनों को जमानत मिल गई.

संचालन में लापरवाही और अनुदान की कमी

मामले की जांच के दौरान यह सामने आया कि इस गौ शाला के संचालन के लिए कोई सरकारी अनुदान नहीं लिया गया था. गौ शाला के प्रमुख हलधर गोस्वामी और मनोज साहू ने बताया कि पहले कोपरा पंचायत के ग्रामीणों ने आवारा मवेशियों को रोकने के लिए शिवबाबा गौ शाला चलाने का फैसला लिया था, लेकिन देखभाल का अभाव होने के कारण एनजीओ शांति मैत्री ग्रामीण विकास संस्थान को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी गई. संस्था ने 10-12 लाख रुपये खर्च कर गौ शाला में शेड, पानी टैंक और अन्य सुविधाएं बनाई थीं, लेकिन इस पूरे मामले में संस्था और संचालकों को ही जिम्मेदार ठहरा दिया गया.

नगर पंचायत पर आरोप: चारा नहीं पहुंचाया गया

एनजीओ संचालकों ने बताया कि खरीफ सीजन के दौरान गौ वंश के लिए चारा की व्यवस्था की गई थी. 76 ट्रॉली पैरा और 15 ट्रॉली कटिंग चारा भेजने की योजना बनी थी. इस पूरे कार्य के लिए रिकॉर्ड भी तैयार किया गया था. लेकिन नगर पंचायत के द्वारा आवारा गौ वंश को गौ शाला भेजा गया था, और चारा व उपचार की व्यवस्था का वादा किया गया था. इस वादे के बावजूद चारा और उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई. बीमार और बूढ़े मवेशी मरते गए, लेकिन जिम्मेदारी से बचते हुए नगर पंचायत ने एनजीओ संचालकों को ही दोषी ठहरा दिया.

सीएमओ का बयान

कोपरा नगर पंचायत के सीएमओ श्याम लाल वर्मा ने इस बारे में सफाई देते हुए कहा कि बारिश के दौरान केवल 36 आवारा गौ वंश को गौ शाला में भेजा गया था और चारा का पर्याप्त बंदोबस्त भी किया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि 2017 में एक समिति बनाई गई थी, जिसके तहत पैरा भेजने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन कुछ ग्रामीणों ने चारा जला दिया, जिससे चारा संकट उत्पन्न हुआ.