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समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रही है हमारी सरकार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 4, 20254 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री…

निःशुल्क प्लास्टिक सर्जरी शिविर 5 व 6 जनवरी 2025 को सुयश हॉस्पिटल, रायपुर मे

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ShivJan 4, 20251 min read

रायपुर। कीर्तिशेष स्वर्गीय कन्हैयालाल गंगवाल की स्मृति में भारतीय जैन…

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई थाना प्रभारी और उप निरीक्षकों का हुआ तबादला…

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ShivJan 4, 20251 min read

राजनांदगांव।   छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पुलिस विभाग में बड़ा…

पत्रकार मुकेश की हत्या पर साय सरकार का सख्त एक्शन : मुख्यमंत्री के निर्देश पर SIT का गठन

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ShivJan 4, 20252 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बीजापुर के पत्रकार मुकेश…

छत्तीसगढ़ के प्रभतेज सिंह भाटिया होंगे BCCI के नए कोषाध्यक्ष, 12 जनवरी को मुंबई में होगा औपचारिक ऐलान

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ShivJan 4, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रिकेट संघ (CSCS) का प्रतिनिधित्व कर चुके प्रभतेज सिंह…

January 5, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

कलकत्ता हाईकोर्ट का निर्णय धर्म आधारित तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर- धर्म आधारित आरक्षण पर कलकत्ता उच्च न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है. यह धर्म आधारित वोटबैंक की राजनीति करने वालों, तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा है. यह कहना है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन लगातार संविधान की हत्या की साज़िश कर रही है. हम सभी जानते हैं कि धर्म आधारित आरक्षण का भारतीय संविधान में कोई स्थान नहीं है. कल कलकत्ता उच्च न्यायालय का इससे संबंधित एक फ़ैसला आया है. जिसमें कोर्ट ने 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी धर्म आधारित ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है. यह देश के ओबीसी, आदिवासी और तमाम पिछड़े समाजों के लिए बड़ा फ़ैसला है.

सीएम साय ने कहा कि ये फैसले बताते हैं कि ममता बनर्जी की सरकार गैर-संवैधानिक तरीके से, तुष्टिकरण की नीति को आगे बढ़ा रही थी. इंडी गठबंधन केवल वोट बैंक की राजनीति के कारण लगातार आदिवासियों, पिछड़ों के हक पर डाका डाल रही है, उनका अधिकार छीन कर मुसलमानों को देना चाहती है, इसकी जितनी निंदा की जाय वह कम है.

उन्होंने कहा कि इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे इस निर्णय को नहीं मानेंगी, और नहीं लागू करेंगी. यह बहुत ही दुर्भाग्यजनक है. हमारे प्रधानमंत्री मोदी भी लगातार यह स्पष्ट कर रहे हैं कि धर्म आधारित किसी आरक्षण का भारत के संविधान में कोई स्थान नहीं है. लगातार संविधान के बारे में दुष्प्रचार करने वाली कांग्रेस को बताना चाहिए कि इस तरह इंडी गठबंधन द्वारा किए जा रहे इस कृत्य पर उसका क्या कहना है? भाजपा जहां परिश्रम की पराकाष्ठा कर रही है, वहीं कांग्रेस और उसका गठबंधन तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पार कर हर हद पार कर रही है. न तो भाजपा इसे सहन करेगी और न ही देश का पिछड़ा, दलित और आदिवासी वर्ग इसे बर्दाश्त करेगा. कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा.