Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सदन में स्थानीय निकायों पर कैग की रिपोर्ट पेश

रायपुर। विधानसभा में बुधवार को स्थानीय निकायों पर महालेखाकार का प्रतिवेदन पेश किया गया. वर्ष 2017 से लेकर 2022 तक की अवधि के इस प्रतिवेदन में निकायों में खरीदी से लेकर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट तक में झोल ही झोल मिला है. यही नहीं 137 स्थानीय निकायों के ऑडिट में 1613 आपत्ति पाई गई!

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने विधानसभा में महालेखाकार का प्रतिवेदन पेश किया. महालेखाकार के प्रतिवेदन में बताया गया कि शहरी स्थानीय निकायों के कुल संसाधनों में स्वयं के राजस्व का हिस्सा वर्ष-2016 से 2021-22 के दौरान 16 से 19 फीसदी रहा. इस तरह 6 वर्षों की अवधि में शहरी स्थानीय निकाय का खुद का राजस्व स्थिर रहा.

स्थानीय निकायों में कचरे के मानवबल के बिना इस सुविधा को गौधन न्याय योजना के साथ साझा करने के कारण कचरे के संग्रहण, पृथककरण और प्रशसकरण पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ा है. योजना और जरूरत के बिना बुनियादी ढांचे, वाहनों का विकास और खरीदी के फलस्वरूप सुविधाएं निष्क्रिय हो गई. और 369 करोड़ 98 लाख का निष्फल व्यय हुआ है.

प्रतिवेदन में बताया गया कि वैकल्पिक स्थल पर ईडब्ल्यूएस के लिए हस्तांतरित की गई जमीन का मूल्य कम होने के कारण कॉलोनाइजर को 1 करोड़ 54 लाख का अनुचित वित्तीय लाभ पहुंचा है. यह भी बताया गया कि कोरबा नगर पालिक निगम द्वारा भूमि का अनुचित उपयोग किए जाने के कारण तीन कॉलोनाइजरों से जमीन के बदले 75 लाख 77 हजार राशि की कम वसूली की गई.