दुकान, प्लाट, मकान खरीदना होगा महंगा : कई जिलों में 10 से 100% तक बढ़ सकते हैं कलेक्टर गाइडलाइन रेट

रायपुर। राजधानी रायपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में कलेक्टर गाइडलाइन जल्द जारी हो सकती है. जारी गाइडलाइन में बिलासपुर समेत कई जिलों में कलेक्टर गाइडलाइन रेट 10-15 से करीब 100% तक बढ़ सकते हैं. राजधानी रायपुर में ही 70 वार्ड है. 20 से ज्यादा वार्ड में 50 प्रतिशत रेट बढ़ जाएंगे. कलेक्टर दर लागू होने पर आम जनता को दुकान, प्लाट, मकान खरीदना और भी ज्यादा महंगा हो जाएगा.
जानकारी के अनुसार 2018 के बाद से कलेक्टर दर जारी नहीं हुई है. रायपुर समेत कई जिलों में 10% से 100% तक बिलासपुर, दुर्ग-भिलाई और अंबिकापुर रेट बढ़ाने की सिफारिश की जा रही है. 2025-26 के लिए कलेक्टर गाइडलाइन तय करने सभी जिलों से 15 अप्रैल तक रिपोर्ट मंगाई गई है.
अन्य जिले से आई रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 से जमीन की सरकारी कीमत नहीं बढ़ी है. इसमें 5 साल में रेट 30% तक कम भी रहे हैं. इस वजह से सरकारी रेट और बाजार भाव में बड़ा अंतर आ गया है. हर शहर में जमीन की कीमत काफी बढ़ गई है, लेकिन शासकीय दस्तावेजों में कीमत अब तक कम है. इस अंतर को खत्म करने के लिए ही नई गाइडलाइन जारी करने की तैयारी है. वैसे भी 2019-20 से कलेक्टर गाइडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार कलेक्टर गाइडलाइन को भी यथावत रखा गया था. यही वजह है कि इस बार गाइडलाइन तय करने के लिए खासी मशक्कत की जा रही है. जिलों से प्राप्त रिपोर्ट को मूल्यांकन समिति परखेगी और अपनी सिफारिशें देगी. 2025-26 के लिए नई गाइडलाइन इस बार कुछ दिनों बाद शुरू हो सकती है.

कलेक्टर गाइडलाइन में अध्ययन जारी : कलेक्टर
नई गाइडलाइन जारी होने के सवाल पर कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि इसके बारे में अध्ययन किया जा रहा है.
गाइडलाइन आने के बाद कुछ कहना उचित होगा : सांसद बृजमोहन
इस मामले में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, गाइडलाइन आने बाद इस मामले में कहना उचित होगा. अभी गाइडलाइन नहीं आई है. वहीं रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष नवीन अग्रवाल ने कहा कि जो भी होगा शासन सोच समझकर कर रही है. अगर बढ़ता भी है तो लाभ होता है. वो जनता को बढ़ने के बाद ही समझ में आ पाएगा.

कलेक्टर गाइडलाइन बढ़ने से होगा फायदा : हितग्राही
इस पूरे मामले में हितग्राही मनोज अग्रवाल का कहना है कि इसमें मध्यमवर्गीय परिवार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जो जमीनों का लेन-देन और ज्यादा लंबे व्यापार का करते हैं उनसे भी राय लिया गया होगा. इसमें कोई ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला नहीं है. आम लोगों को शासन ने इस मामले में राहत दे रखी है. आज के परिवेश में जमीन और मकान का मार्केट रेट बहुत ज्यादा है और सरकारी रेट कम है. इसमें समावेश होना चाहिए.
वहीं गोपाल अग्रवाल ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से कलेक्टर गाइडलाइन नहीं बढ़ी है. भूपेश सरकार ने 30% का सब्सिडी दिया हुआ था. पिछले 6 वर्षों से मार्केट रेट नहीं बढ़ा है. मार्केट में रेट बढ़ा है, लेकिन सरकारी गाइडलाइन नहीं बड़ी है. इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा था. यह अलग बात है. जिनको मुआवजा मिलना चाहिए कलेक्टर गाइडलाइन में बढ़ने से फायदा होगा. किसी भी चीज का रेट कम नहीं होता बढ़ता ही है. सभी का बढ़ा है तो जमीन का भी रेट बढ़ना चाहिए. यह जायज माना जाता है. कलेक्टर गाइडलाइन 10 से 15% बढ़ना ही चाहिए.