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मुख्यमंत्री श्री साय ने अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के 18वें त्रैवार्षिक अधिवेशन को किया संबोधित

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ShivApr 12, 20252 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी…

सुशासन तिहार में अजब-गजब डिमांड : युवक ने आवेदन में लिखा – ससुराल दूर है, बाइक दिला दीजिए…

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ShivApr 12, 20252 min read

सरगुजा।  छत्तीसगढ़ में साय सरकार सुशासन तिहार मना रही. इस…

वाहन की ठोकर से युवा व्यापारी घायल, पुलिस आरक्षक की तत्परता से बची जान

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ShivApr 12, 20251 min read

बलौदाबाजार।  वाहनों की रफ्तार से आम आदमी अब डरने लगा…

चोरी ऊपर से सीना जोरी : सरकारी स्कूल की महिला क्लर्क और दो चपरासी सस्पेंड, जानिए पूरा मामला 

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ShivApr 12, 20251 min read

बिलासपुर।  छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर में सरकारी स्कूल की महिला…

April 12, 2025

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बस किराये में हेराफेरी का मामला, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दो हफ्ते में जवाब देने के दिए निर्देश

बिलासपुर।   छत्तीसगढ़ में बसों के किराया को पारदर्शी बनाने के मामले पर हाईकोर्ट ने आज सुनवाई की. महाअधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि किराये पर पुनर्विचार के लिए पत्र गलती से विधि विभाग को भेज दिया गया था. मामला मुख्यमंत्री के समक्ष लंबित है. कैबिनेट में इसका फैसला होना है. मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च 2025 तय की गई है. 

दरअसल, हाई कोर्ट ने सिटी बसों के बंद होने से लोगों को हो रही परेशानियों और राउंड फिगर के नाम पर किराये में हेराफेरी की खबर पर संज्ञान लिया था. कोर्ट ने बस स्टैंड पर किराया सूची लगाने, बसों में डिस्प्ले बोर्ड लगाने और किराये पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया था. 15 अक्टूबर को सुनवाई में राज्य सरकार ने बताया था कि यह मामला विधि विभाग को भेजा गया है. 8 नवंबर को सरकार ने स्पष्ट किया कि पत्र गलती से विधि विभाग को भेजा गया था, जबकि इस पर कैबिनेट में निर्णय होना है. हाई कोर्ट ने चार हफ्तों में कैबिनेट की बैठक कर निर्णय लेने का आदेश दिया था.

चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच में आज मामले की सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ने पूर्व आदेश के परिपालन के बारे में पूछा. जिसपर अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने बताया कि सरकार की तरफ से एक हलफनामा पेश किया गया है. जिसमें कुछ प्रस्तुतियां हैं. कोर्ट के आदेश के अनुपालन में कुछ दस्तावेजों को इस संबंध में लाया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि निर्णय प्रस्ताव, वर्तमान प्रस्ताव और यह मुद्दा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, सरकार के समक्ष लंबित है. नगरीय निकाय चुनावों के कारण यह रुका है. इस संबंध में कैबिनेट में निर्णय होना है. इसमें कार्यालय से जल्द सूचित कर दिया जाएगा. वहीं हाई कोर्ट से समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को दो हफ्ते का समय दिया गया है.