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सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार सभी जिलों में…

April 18, 2025

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महामाया पहाड़ के अवैध कब्जे पर चला बुलडोजर, मंत्री चौधरी ने अतिक्रमण पर भूपेश बघेल से किया सवाल…

रायपुर। अंबिकापुर के महामाया पहाड़ से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई सोमवार से शुरू हुई है. वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर अतिक्रमण को कांग्रेस की तुष्टिकरण की गंदी राजनीति करार देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से जवाब मांगा है.

वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने फेसबुक पर पोस्ट किए अपने रिल में कहा, “छत्तीसगढ़ के माथे अर्थात सरगुजा के संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के महामाया पहाड़ के सीने में बेखोफ अतिक्रमण होता रहा महामाया पहाड़ सिसकता रहा. दुर्भाग्य कि सब कुछ बदस्तूर जारी रहा है. कल सुबह महामाया पहाड़ की इस सिसकती आवाज को सुनकर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया. वहाँ लोग बांग्ला भाषा बोल रहे थे, क्या भूपेश बघेल जवाब देंगे अपने 5 वर्षों की कारस्तानियों पर? जवाब देंगे अपने तुष्टिकरण की गंदी राजनीति पर ? जवाब देंगे महामाया पहाड़ की सिसकती आवाज के सामने अपने बहरेपन पर?”

बता दें कि अंबिकापुर के महामाया पहाड़ से अवैध कब्जे को हटाने के लिए जिला प्रशासन ने सोमवार से अपनी कार्रवाई शुरू की थी. पहले दिन की कार्रवाई में 60 घरों को तोड़ा जाना है. इसके साथ प्रशासन ने नवागढ़ इलाके के 60 घरों में कब्जा हटाने का नोटिस चस्पा किया था.

नेताओं ने की व्यवस्थापन की मांग

जानकारी के अनुसार, अतिक्रमण हटाने के लिए राजस्व और वन विभाग के अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में फोर्स के पहुंचने की सूचना पर कांग्रेस नेताओं ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया था. व्यवस्थापन करने की भी मांग रखी. कांग्रेस नेताओं को समझाइश देने के बाद पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग भी किया.

अतिक्रमण के लिए किया प्रोत्साहित

दरअसल, सिद्ध शक्तिपीठ महामाया मंदिर से लगे महामाया पहाड़ को काटकर करीब 450 लोगों ने कब्जा कर कब्जाधारियों के मकान-बाड़ी बना लिया था. इस पर विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बवाल भी मचा था. स्थानीय प्रशासन की जांच में स्थानीय पार्षद, सरपंच द्वारा अतिक्रमण को प्रोत्साहित करने की पुष्टि भी हुई थी.