Special Story

समायोजन के लिए सड़क पर उतरे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक, राजधानी में निकाली आक्रोश रैली…

समायोजन के लिए सड़क पर उतरे बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षक, राजधानी में निकाली आक्रोश रैली…

ShivJan 19, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बर्खास्त किए गए बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों का…

कबाड़ियों के खिलाफ पुलिस ने छेड़ा बड़ा अभियान, 8.57 लाख का कबाड़ जब्त

कबाड़ियों के खिलाफ पुलिस ने छेड़ा बड़ा अभियान, 8.57 लाख का कबाड़ जब्त

ShivJan 19, 20251 min read

बिलासपुर।  छत्तीसगढ के बिलासपुर जिले में पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह…

कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का बड़ा बयान, कहा- जनता के हित में और नगर के विकास पर होगा घोषणा पत्र…

कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज का बड़ा बयान, कहा- जनता के हित में और नगर के विकास पर होगा घोषणा पत्र…

ShivJan 19, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने नगरीय निकाय चुनाव में…

विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक खत्म, पढ़िये कैबिनेट के सभी बड़े फैसले

विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक खत्म, पढ़िये कैबिनेट के सभी बड़े फैसले

ShivJan 19, 20254 min read

रायपुर। नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय चुनाव से पहले साय कैबिनेट…

अवैध कच्ची महुआ शराब पर फूटा महिलाओं का गुस्सा, अवैध भट्ठी पर धावा बोल सामग्रियों को लगाई आग…

अवैध कच्ची महुआ शराब पर फूटा महिलाओं का गुस्सा, अवैध भट्ठी पर धावा बोल सामग्रियों को लगाई आग…

ShivJan 19, 20251 min read

कोरबा। जिले के आदर्श ग्राम पंचायत तिलकेजा के कलमीभाठा मोहल्ला में…

January 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

जल जगार में जल संचय और जल संरक्षण के लिए किया गया मंथन

रायपुर।   धमतरी में रविशंकर जलाशय (गंगरेल बांध) के किनारे आयोजित जल जगार में देश-विदेश के नीति निर्माता, पर्यावरणविद, विशेषज्ञ और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि जल संचय और जल संरक्षण पर संवाद कर रहे हैं। वे यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में जल संचय और जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करते हुए अपने-अपने क्षेत्रों के सफल कार्यों की कहानी साझा कर रहे हैं। वे इनके प्रभावी उपायों पर गहनता से विचार-विमर्श करने के साथ ही धरातल पर उतारने की कार्ययोजना भी तय कर रहे हैं।

जल जगार में आयोजित विभिन्न गतिविधियों के बीच आज अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के पहले दिन केन्द्रीय कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय की अपर सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय की अपर सचिव अर्चना वर्मा, पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद पोपटलाल पवार, श्यामसुंदर पालीवाल और उमाशंकर पाण्डेय तथा अर्थशास्त्री एवं शहरी विकास विशेषज्ञ प्रो. अमिताभ कुंडु ने सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कलेक्टर नम्रता गांधी ने जल जगार के उद्देश्यों और धमतरी जिले में जल संचय व जल संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।

अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय कृषि तथा किसान कल्याण की अपर सचिव डॉ. मनिंदर कौर द्विवेदी ने कहा कि धमतरी में जल संरक्षण की पहल पुरानी है। यहां की ‘ओजस्वी’ एफपीओ (कृषक उत्पाद संगठन) ने कम पानी में होने वाले धान की खेती प्रारंभ की थी। उन्होंने बताया कि धान की ऐसी बहुत सी प्रजाति है जो कम पानी में होती है और जल्दी पकती है। उन्होंने इस तरह की और भी प्रजातियों को विकसित करने पर जोर दिया। उन्होंने नए बीजों और अन्य फसलों की खेती पर भी ध्यान देने को कहा।

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय की अपर सचिव अर्चना वर्मा ने अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में कहा कि हमारे पूर्वजों के पास जल संचय और जल संरक्षण के बहुत से तरीके थे। वे पानी की एक-एक बूंद का सम्मान करते थे। हमारी जलशक्ति अभियान का भी मूल उद्देश्य पानी की धरोहरों के प्रति सम्मान को वापस लाना है। जल संचय और जल संरक्षण के काम में जन भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने जल जगार के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह जल संरक्षण से लोगों को जोड़ने की बहुत अच्छी पहल है। इससे संस्कृति, समुदाय और युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है।

पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविदों और जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले सर्वश्री पोपटलाल पवार, श्यामसुंदर पालीवाल और उमाशंकर पाण्डेय ने सम्मेलन में जल संचय और जल संरक्षण की सफल कहानियां साझा की। श्री पवार ने कहा कि जलस्रोतों में कम से कम 20 प्रतिशत पानी रिचार्ज के लिए छोड़ना चाहिए। इसका 80 प्रतिशत ही उपयोग किया जाना चाहिए। हमारे हिमालय को बचाने के लिए पश्चिमी घाट का संरक्षण जरूरी है।

सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद श्यामसुंदर पालीवाल ने बताया कि उन्होंने अपने क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए बेटी, पानी और पेड़ों को जोड़कर काम किया। इसे रोजगार से भी जोड़ा। पर्यावरणविद उमाशंकर पाण्डेय ने कहा कि पानी सरकार का विषय नहीं है। यह समाज का विषय है। पानी के बारे में स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाया जाना चाहिए। हम पानी बना नहीं सकते, लेकिन पानी को बचा सकते हैं। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री एवं शहरी विकास विशेषज्ञ प्रो. अमिताभ कुंडु ने सम्मेलन में कहा कि जल की चिंता को लेकर जिला स्तर पर इस तरह का वृहद आयोजन पहली बार देख रहा हूं। यहां नीति निर्धारक, पर्यावरणविद, जल संरक्षक, विशेषज्ञ और नागरिक पानी के बारे में चर्चा कर रहे हैं। उसे बचाने की रणनीति बना रहे हैं। यह बहुत ही उपयोगी पहल है।