Special Story

जानिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल के किस बयान पर भड़के मंत्री ओपी चौधरी

जानिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल के किस बयान पर भड़के मंत्री ओपी चौधरी

ShivMay 15, 20252 min read

रायपुर। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान तेज…

क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं रहेगी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

क्षेत्र के विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं रहेगी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMay 15, 20254 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारी…

बहनों के लिए राज्य सरकार के द्वार सदैव हैं खुले : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

बहनों के लिए राज्य सरकार के द्वार सदैव हैं खुले : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivMay 15, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य…

नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 10 प्रेशर कुकर समेत कई विस्फोटक सामग्री बरामद

नक्सलियों की साजिश नाकाम, सुरक्षाबलों ने 10 प्रेशर कुकर समेत कई विस्फोटक सामग्री बरामद

ShivMay 15, 20251 min read

धमतरी। धमतरी के चमेंदा जंगल में जारी नक्सल विरोधी सर्च…

May 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

छत्तीसगढ़ में पुस्तक घोटाला : रद्दी में बेची लाखों किताबें, जांच टीम ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट, पांच DEO को बताया दोषी

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में पुस्तक घोटाला मामले की जांच पूरी हो गई है. अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले ने 1045 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. अफसरों के साथ साठगांठ कर दो लाख की किताबें रद्दी में बेची गई थी. इस घोटाले में 5 जिले के डीईओ को दोषी पाया गया है.

जांच टीम ने दो IAS समेत 24 लोगों का बयान लिया है. जांच में पाया गया कि दो लाख सरकारी किताबों को रद्दी के भाव में बेचा गया. इसमें एक लाख किताबें 2024-25 सत्र की है, बाकी 2014 से 2023 के बीच की है. जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की मांग पर किताबें डिपो से निकलीं और फिर कबाड़ी की दुकान पर गईं. टीम ने 1045 पेज की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है. जांच रिपोर्ट में राजनांदगांव, सूरजपुर, धमतरी, जशपुर के जिला शिक्षा अधिकारी को पुस्तक घोटाला मामले के दोषी बताए गए हैं.

जांच में पाया गया कि 35 दिन में पेपर मिल तक 80 टन किताबें पहुंचाई गई. रियल बोर्ड एंड पेपर मिल के मालिक महेश पटेल और विनोद रूढानी ने जांच समिति को बताया कि उनके पास हर साल निगम की किताबें आती हैं, लेकिन हम सत्र नहीं देखते.

जानिए पूरा मामला…

बता दें कि रायपुर के सिलियारी स्थित पेपर मिल के कबाड़ में लाखों किताबें मिली थी. इनमें सरकार की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों में बांटी जाने वाली किताबें भी शामिल थी. सभी किताबें इसी सत्र की थी. इस मामले का उजागर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने किया था. इस मामले को लेकर उपाध्याय ने फैक्ट्री के सामने धरना देकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने किताबें खरीदीं और बिना बांटे ही बेच दीं. मामले में सियासत तेज होने के बाद सरकार ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी.