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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

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ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

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ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

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ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

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ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 6, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

समाधान शिविर के दौरान महिला-बाल विकास अधिकारी पर भड़के BJP विधायक, कलेक्टर से की शिकायत, देखें वीडियो..

महासमुंद। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में सुशासन को मजबूती देने के उद्देश्य से ‘सुशासन तिहार 2025′ का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत जिले के ग्राम बेमचा के शासकीय हाई स्कूल मैदान में समाधान शिविर आयोजित किया गया। शिविर में विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा बतौर अतिथि पहुंचे। वे शासकीय योजनाओं से जुड़े स्टॉल का निरीक्षण कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के स्टॉल पर अधिकारी समीर पाण्डेय को लापरवाही के चलते फटकार लगाई।

बता दें कि इस दौरान जिला कलेक्टर भी मौके पर मौजूद थे, इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

दरअसल, कुछ महीने पहले विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने अधिकारी समीर पाण्डेय से मुख्यमंत्री की योजना सामूहिक कन्या विवाह की जानकारी मांगी थी। पाण्डेय ने लाभार्थियों की सूची तो दी, लेकिन आवेदकों के आवेदन पत्र नहीं दिए। विधायक ने कलेक्टर विनय कुमार लंगेह को इस मामले में हस्तक्षेप के लिए बुलाया। कलेक्टर ने समीर पाण्डेय को तुरंत आवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

आवेदन देने आए ग्रामीण लौटे

इस पूरे घटनाक्रम को शिविर में मौजूद आम नागरिकों ने प्रत्यक्ष रूप से देखा। कई ग्रामीणों ने दबे स्वर में यह भी कहा कि जब एक जनप्रतिनिधि की बात अफसर नहीं सुन रहे, तो आम लोगों की सुनवाई की क्या उम्मीद की जा सकती है? कई लोग आवेदन देने से पहले ही निराश होकर शिविर स्थल से लौट गए।

समस्या यही है कि अगर शासन के मंच पर जनप्रतिनिधियों को भी अनदेखा किया जा रहा है, तो प्रशासन आम जनता की समस्याओं को कितनी गंभीरता से ले रहा है, यह सोचने वाली बात है।