Special Story

आय से अधिक संपत्ति का मामला : पंचायत विभाग के निलंबित ज्वॉइंट डायरेक्टर को नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

आय से अधिक संपत्ति का मामला : पंचायत विभाग के निलंबित ज्वॉइंट डायरेक्टर को नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

ShivApr 2, 20252 min read

बिलासपुर।  पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित ज्वॉइंट डायरेक्टर अशोक…

पेयजल की समस्या दूर करने बनाई गई कंट्रोल रूम, इन नंबरों पर कर सकते हैं शिकायत…

पेयजल की समस्या दूर करने बनाई गई कंट्रोल रूम, इन नंबरों पर कर सकते हैं शिकायत…

ShivApr 2, 20251 min read

रायपुर।   गर्मी के दिनों मैदानी स्तर पर पेयजल की समस्याओं…

बोर खनन पर लगी रोक, कलेक्टर ने जारी किया आदेश

बोर खनन पर लगी रोक, कलेक्टर ने जारी किया आदेश

ShivApr 2, 20251 min read

रायपुर।  गर्मी के दिनों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने…

पूर्व CM बघेल के खिलाफ FIR पर PCC चीफ ने सरकार को घेरा, तो मंत्री जायसवाल ने कहा-

पूर्व CM बघेल के खिलाफ FIR पर PCC चीफ ने सरकार को घेरा, तो मंत्री जायसवाल ने कहा-

ShivApr 2, 20253 min read

रायपुर।   महादेव सट्टा ऐप मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल…

CBI ने दर्ज की भूपेश बघेल पर FIR : महादेव सट्टा एप मामले में सीबीआई ने की कार्रवाई

CBI ने दर्ज की भूपेश बघेल पर FIR : महादेव सट्टा एप मामले में सीबीआई ने की कार्रवाई

ShivApr 2, 20252 min read

रायपुर।  केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने महादेव बेटिंग एप मामले…

April 2, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सहकारी समिति में बड़ा घोटाला : पीड़ित किसानों ने कहा – कोई कर्ज नहीं लिया फिर भी बना दिया कर्जदार, शिकायत पर कार्रवाई नहीं, अब आत्महत्या की चेतावनी

डोंगरगढ़।  भोले-भाले किसानों के नाम पर फर्जी लोन लेकर लाखों की हेराफेरी का पर्दाफाश हुआ है. सोसायटी प्रबंधक और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत ने किसानों को ऐसा फंसाया कि अब वे न खेती के लिए जरूरी साधन जुटा पा रहे हैं और न ही अपनी उपज बेचने में सक्षम हैं. यह मामला डोंगरगढ़ विकासखंड के छिपा सहकारी समिति का है. पीड़ित किसानों का कहना है कि हमने कभी कोई लोन नहीं लिया, फिर भी हमें कर्जदार बना दिया गया. हमने सांसद, कलेक्टर, एसडीएम, सबसे शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो ऐसा लग रहा है कि हमें आत्महत्या ही करनी पड़ेगी।

पलांदूर गांव के जितेंद्र यादव की कहानी चौंकाने वाली है. महज दो एकड़ जमीन के मालिक जितेंद्र के नाम पर 2,65,000 रुपए का कर्ज़ दिखा दिया गया, जबकि प्रावधान के अनुसार इतनी जमीन पर केवल 60,000 रुपए का लोन दिया जा सकता है, लेकिन यही कहानी अकेले जितेंद्र की नहीं है. यादव राम वर्मा, राजकुमार वर्मा, शेखर वर्मा और प्रदीप वर्मा सहित कई किसानों को इसी तरह ठगा गया. इन किसानों ने न कभी लोन के लिए आवेदन किया, न ही उन्हें इसकी जानकारी थी.

धान बेचने पर कर्ज का रकम काटने का डर

इस फर्जीवाड़े की शुरुआत तब हुई, जब सोसायटी प्रबंधक ने नवीनीकरण के नाम पर किसानों से ब्लैंक चेक पर हस्ताक्षर करवा लिए. इसके बाद बैंक कर्मचारियों के साथ मिलकर उनके नाम पर लोन स्वीकृत कराया और रकम हड़प ली. जब किसानों को इस धोखाधड़ी का पता चला, तब तक उनकी धान बेचने की व्यवस्था भी बाधित हो चुकी थी. किसानों का आरोप है कि बैंक और सोसायटी ने उनकी मेहनत की कमाई को तो लूटा ही, अब उन्हें मंडी में अपनी उपज बेचने तक की अनुमति नहीं मिल रही. उनकी चिंता यह है कि अगर धान बेचते हैं तो उससे मिली रकम सीधे बैंक कर्ज में काट ली जाएगी.

शिकायत की जांच कर रहे, जल्द कार्रवाई होगी : एसडीएम

डोंगरगढ़ एसडीएम मनोज मरकाम के पास अपनी फरियाद लेकर पहुंचे किसानों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और फर्जी लोन माफ करने की मांग की है. एसडीएम का कहना है कि शिकायत की जांच की जा रही है. जल्द ही इस पर कार्रवाई होगी.

कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी

किसान यादवराम वर्मा ने बताया, हमने कभी कोई लोन नहीं लिया, फिर भी हमें कर्जदार बना दिया गया. हमने सांसद, कलेक्टर, एसडीएम, सबसे शिकायत की, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई. अब तो ऐसा लग रहा है कि हमें आत्महत्या ही करनी पड़ेगी. किसान संतोष वर्मा ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा, हम नौ किसान इस घोटाले के शिकार हुए हैं. जब खाद लेने गए, तब पता चला कि हमारे नाम पर लाखों का कर्ज है. हमारी मांग है कि भुगतान में बिना कोई कटौती किए हमें धान बेचने दिया जा. इस घोटाले ने किसानों की जिंदगी पर बड़ा असर डाला है। अब वे न केवल अपनी आजीविका के लिए जूझ रहे हैं, बल्कि मानसिक तनाव भी झेल रहे हैं. किसानों ने चेतावनी दी है कि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.