Special Story

छत्तीसगढ़ जल्द बनेगा ओडीएफ प्लस में मॉडल स्टेट : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

छत्तीसगढ़ जल्द बनेगा ओडीएफ प्लस में मॉडल स्टेट : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

ShivNov 19, 20242 min read

रायपुर।         उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा…

CM विष्णुदेव साय ने की घोषणा, छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री होगी The Sabarmati Report …

CM विष्णुदेव साय ने की घोषणा, छत्तीसगढ़ में टैक्स फ्री होगी The Sabarmati Report …

ShivNov 19, 20242 min read

रायपुर।    गोधराकांड पर बनी बहुचर्चित फ़िल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’…

सोनवानी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस का आरोप, सीएम साय ने किया पलटवार, कहा- कोर्ट में कर सकते हैं अपील…

सोनवानी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस का आरोप, सीएम साय ने किया पलटवार, कहा- कोर्ट में कर सकते हैं अपील…

ShivNov 19, 20242 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सोनवानी की गिरफ्तारी पर…

November 19, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर में बड़ा फर्जीवाड़ा

रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर में बड़ा फर्जीवाड़ा

रायपुर।  रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर निर्माण में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. सड़क बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जमीन प्रभावितों के लिए मुआवजा तय किया गया था. इसमें तहसील के अफसरों ने करीब 42 करोड़ का फर्जीवाड़ा किया है. भू-स्वामियों को नियमानुसार 300 करोड़ का मुआवजा देना था पर अफसरों ने जमीन मालिकों से मिलकर 342 करोड़ का मुआवजा बना दिया. इसमें शासन ने 246 करोड़ की राशि भू-स्वामियों को बांट भी दी है. जांच के बाद हुए खुलासे के बाद एक तहसीलदार और तीन पटवारी को तत्काल निलंबित कर दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक, अभनपुर में अफसरों ने जमीन मालिकों को अधिग्रहण के दौरान वास्तविक से ज्यादा मुआवजा दिलवा दिया. ​पूरी मिलीभगत से इस काम को किया गया. भू-अर्जन में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर तत्कालीन रायपुर कलेक्टर ने इसकी जांच का आदेश दिया था. प्रारंभिक जांच में ही गड़बड़ी साबित हो गई. प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आते ही गोबरा नवापारा के तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण और पटवारी जितेंद्र साहू, दिनेश पटेल और लेखराम देवांगन को निलंबित किया गया है. अभी भू-स्वामियों ने 2.41 किमी तक कॉरिडोर के काम पर रोक लगा दी है. इसके चलते प्रोजेक्ट का काम रुक गया है.

4 हजार करोड़ की लागत से बननी है 464 किमी सड़क

बता दें कि रायपुर-विशाखापट्टनम कॉरिडोर 464 किलोमीटर तक बनाना है. सड़क बनाने में करीब 4 हजार करोड़ खर्च होंगे. इसमें अभनपुर ब्लॉक में अफसरों ने जमीन मालिकों के साथ मिलकर 9 किमी सड़क की जमीन का 342 करोड़ का मुआवजा बना दिया, जबकि नियमों के अनुसार लगभग 300 करोड़ का मुआवजा होता है. शासन ने इसमें 246 करोड़ की राशि भू-स्वामियों को बांट भी दी. अभी इन भू-स्वामियों को 78 करोड़ की राशि और मिलनी थी. इसी बीच एनएचएआई की विजलेंस टीम से ज्यादा मुआवजा बांटने की शिकायत हो गई और राशि बांटने पर रोक लग गई।

जानिए… कैसे हुआ पूरा खेल

जमीन अधिग्रहण के नियमों के अनुसार ग्रामीण अंचल में 500 वर्गमीटर से कम जमीन है तो उसका मुआवजा अधिक मिलता है यदि 500 वर्गमीटर से जमीन ज्यादा है तो उसका पैसा कम मिलता है. जैसे एक एकड़ जमीन है तो उसका मुआवजा 20 लाख होगा. यदि इसी जमीन को टुकडों में बांटकर 500 वर्गमीटर से कम कर दिया जाए तो मुआवजा बढ़कर करीब एक करोड़ का हो जाएगा. रायपुर- विशाखापट्टनम कॉरिडोर के पास होते ही बड़े-बड़े रसूखदारों ने अफसरों से मिलकर ज्यादातर जमीन को 500 वर्गमीटर के नीचे कर दिया. इस वजह से मुआवजे की रकम बहुत ज्यादा बढ़ गई, जिससे अफसरों को भी शक हुआ और जांच कराई.